नयी दिल्ली : दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी करने के आरोप में हसीन नाम के एक संदिग्ध को गिरफ्तार किया है। पूछताछ में हसीन ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं, जिसमें भारतीय सिम कार्ड्स का इस्तेमाल कर हनी ट्रैप के जरिए भारतीय नागरिकों को फंसाने की साजिश का पर्दाफाश हुआ है। इस मामले में हसीन के साथ उसके भाई कासिम को भी गिरफ्तार किया गया है। दोनों को आज दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया।
हसीन ने पूछताछ में बताया कि उसे ISI से चार भारतीय सिम कार्ड्स मिले थे, जिनका इस्तेमाल पाकिस्तानी इंटेलिजेंस ऑपरेटिव्स (PIOs) भारतीय नागरिकों को हनी ट्रैप में फंसाने के लिए कर रहे थे। हसीन ने यह भी खुलासा किया कि उसे ISI की ओर से भारत में स्लीपर सेल का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करने के निर्देश दिए गए थे। इसके लिए वह 2 से 3 बार पाकिस्तान जा चुका था, जहां उसने अपने रिश्तेदारों के घर रहते हुए ISI हैंडलर्स से संपर्क बनाए रखा।
दिल्ली पुलिस के मुताबिक, हसीन और कासिम को राजस्थान के डीग जिले से गिरफ्तार किया गया। यह गिरफ्तारी ऑपरेशन सिंदूर के तहत चल रहे अभियान का हिस्सा है, जिसके तहत पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में कई जासूसों को पकड़ा जा चुका है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, इस नेटवर्क का मकसद भारतीय रक्षा और सरकारी संस्थानों से संवेदनशील जानकारी हासिल करना था।
हाल के दिनों में ISI की ओर से हनी ट्रैप के जरिए जासूसी के मामले बढ़े हैं। मई 2025 में भी एक अन्य संदिग्ध कासिम को गिरफ्तार किया गया था, जो भारतीय सिम कार्ड्स को पाकिस्तान भेज रहा था। इन सिम कार्ड्स का इस्तेमाल व्हाट्सएप के जरिए भारतीय नागरिकों से संपर्क करने और खुफिया जानकारी जुटाने में किया जा रहा था। 2024 में DRDO के एक मामले में भी ISI एजेंट “जारा दासगुप्ता” के नाम से एक फर्जी प्रोफाइल बनाकर ब्रह्मोस मिसाइल से जुड़ी जानकारी हासिल करने की कोशिश की गई थी।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, हनी ट्रैप की यह रणनीति दशकों से चली आ रही है। 1950 के दशक में एक सोवियत एजेंट ने भारतीय राजनयिक को ब्लैकमेल करने की कोशिश की थी, और अब तक यह तकनीक और ज्यादा परिष्कृत हो चुकी है। राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए यह एक गंभीर खतरा बना हुआ है, जिसके खिलाफ खुफिया एजेंसियां लगातार कार्रवाई कर रही हैं।
दिल्ली पुलिस ने इस मामले में गहन जांच शुरू कर दी है और इस जासूसी नेटवर्क के पूरे तार खोलने की कोशिश की जा रही है।