नई दिल्ली : इजराइल ने आज सुबह ईरान के कई परमाणु और सैन्य ठिकानों पर हवाई हमले किए, जिसे उसने अपनी रक्षा के लिए जरूरी कदम बताया है। इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने दावा किया कि ईरान चोरी-छिपे परमाणु बम विकसित कर रहा था, जो इजराइल के लिए गंभीर खतरा बन सकता था। इस हमले को “राइजिंग लायन” नाम दिया गया है, और इसमें इजराइली वायु सेना ने ईरान के विभिन्न क्षेत्रों में दर्जनों लक्ष्यों को निशाना बनाया, जिसमें परमाणु सुविधाएं भी शामिल हैं।
घटनाक्रम की मुख्य बातें:
- नेतन्याहू का बयान: नेतन्याहू ने कहा कि ईरान ने न केवल 9 परमाणु हथियारों के लिए पर्याप्त संवर्धित यूरेनियम जमा किया है, बल्कि बम बनाने की दिशा में अभूतपूर्व कदम भी उठाए हैं। उन्होंने दावा किया कि यह हमला केवल इजराइल की सुरक्षा के लिए नहीं, बल्कि “सभ्य दुनिया” को ईरान जैसे खतरनाक शासन से परमाणु हथियारों से बचाने के लिए है।
- ईरान का जवाब: ईरानी अधिकारियों ने त्वरित जवाबी कार्रवाई की धमकी दी है। सुबह के समय ईरान ने इजराइल पर 100 ड्रोन दागे, जिन्हें इजराइली रक्षा प्रणाली ने रोकने की कोशिश की।
- अंतरराष्ट्रीय चिंता: संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी एजेंसी (IAEA) की एक हालिया रिपोर्ट (मई 2025) के अनुसार, ईरान ने 60% तक संवर्धित 408.6 किलोग्राम यूरेनियम जमा कर लिया है, जो हथियार-ग्रेड सामग्री के करीब है। यह 2015 के जेसीपीओए समझौते की सीमा (300 किलोग्राम) से कहीं अधिक है।
- पिछला संदर्भ: अप्रैल 2024 में ईरान ने इजराइल पर 300 ड्रोन और मिसाइलों से हमला किया था, जिसके जवाब में इजराइल ने ईरानी वायु रक्षा पर सटीक प्रहार किए थे। यह तनाव दोनों देशों के बीच लंबे समय से चले आ रहे प्रॉक्सी संघर्ष का हिस्सा है।
विशेषज्ञों का मत :
2025 की एक SIPRI रिपोर्ट के अनुसार, मध्य पूर्व में सैन्यीकरण पिछले पांच वर्षों में 20% बढ़ा है, और यह घटना क्षेत्रीय संघर्ष को और भड़का सकती है। रैंड कॉर्पोरेशन के एक अध्ययन (2024) के मुताबिक, इस तरह के हमले तनाव को नियंत्रित करने के बजाय उसे बढ़ा सकते हैं।
आगे की स्थिति :
नेतन्याहू ने इजराइली नागरिकों से लंबे समय तक सुरक्षित स्थानों में रहने की सलाह दी है, जिससे संकेत मिलता है कि यह अभियान कई दिनों तक चल सकता है। विश्व समुदाय की नजर अब इस बात पर है कि ईरान का जवाब क्या होगा और यह स्थिति और गंभीर रूप लेगी या नहीं।