फिलिस्तीन के इजराइली कब्जे वाले वेस्ट बैंक के शहर जेनिन में रविवार को इजराइली सेना ने टैंक तैनात कर दिए हैं। यह घटना 23 सालों बाद हुई है, जब इजराइली सेना ने आखिरी बार 2002 में वेस्ट बैंक में टैंक भेजे थे। इस बीच, जेनिन में पिछले कुछ वर्षों से इजराइल के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं।
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इजराइली डिफेंस फोर्स (IDF) ने बताया कि उसने जेनिन के पास एक टैंक डिवीजन तैनात किया है, जिसमें 40 से 60 टैंक होते हैं। इसके अलावा, इजराइल ने फिलिस्तीन के जेनिन, तुलकरम और नूर शम्स के शरणार्थी शिविरों को खाली कराना शुरू कर दिया है, जहां हजारों फिलिस्तीनी नागरिक शरण लिए हुए थे। इन शिविरों से अब तक करीब 40,000 फिलिस्तीनियों को निकाला जा चुका है, और इस प्रक्रिया की शुरुआत 21 जनवरी से हुई थी। यह घटना 1967 में इजराइल-अरब युद्ध के बाद फिलिस्तीनी नागरिकों के विस्थापन का सबसे बड़ा आंकड़ा है।
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इजराइल ने संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार संस्था UNRWA को भी शरणार्थी शिविरों में अपनी गतिविधियां रोकने का निर्देश दिया है। इजराइल के रक्षा मंत्री, इजराइल काट्ज ने सेना को आदेश दिया है कि वे अगले कुछ सालों तक वेस्ट बैंक के शरणार्थी शिविरों में बने रहें। उन्होंने इसे आतंकवाद को जड़ से समाप्त करने के लिए आवश्यक कदम बताया।
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वेस्ट बैंक में बढ़ती हिंसा और इजराइल में लगातार हो रहे हमलों के बीच यह कदम उठाया गया है। 20 फरवरी की रात इजराइल के शहरों में तीन खाली खड़ी बसों में विस्फोट हुए थे, जिनमें कई रिपोर्ट्स के मुताबिक, हमले की योजना वेस्ट बैंक से बनाई गई थी। इस घटना के बाद इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने वेस्ट बैंक में कार्रवाई करने का आदेश दिया था।