इजराइल ने रविवार को गाजा में जानी वाली मदद पर एंट्री बैन कर दी है। शनिवार को इजराइल और गाजा के बीच पहले फेज का सीजफायर खत्म हो गया। अगले फेज के लिए कोई सहमति न बनने के चलते इजराइल इससे पीछे हट गया है। इजराइली पीएम के ऑफिस ने इस फैसले को लेकर ज्यादा जानकारी नहीं दी है लेकिन ये चेतावनी दी है कि अगर हमास सीजफायर जारी रखने के अमेरिकी प्रस्ताव को नहीं मानेगा तो उसे इसका परिणाम भुगतना पड़ेगा।
इजराइल के ऐड एंट्री बंद करने से गाजा वासियों की जिंदगी फिर से संकट में आ गई है। क्योंकि 15 महीनों से जारी इजराइली हमलों से गाजा में लगभग सब तबाह हो गया है और वह मूलभूत सुविधाओं के लिए भी बाहरी मदद पर निर्भर हैं। रमजान का महीना शुरू हो चुका है और इस खास मौके गाजा वासियों को दवाएं, खाना और पानी पहुंचाने के लिए एकमात्र रास्ता बाहरी मदद ही है, जो इजराइल की इजाजत के बिना आना बेहद मुश्किल है।
Trump और Zelensky में तीखी बहस.. पूरी दुनिया के सामने भिड़ गए दो देशों के राष्ट्राध्यक्ष !
हमास ने रविवार को नेतन्याहू के ऐड रोकने बर बया जारी करते हुए कहा, “गाजा पट्टी में मानवीय सहायता रोकने का नेतन्याहू का फैसला ब्लैकमेल का एक घटिया कदम है, एक युद्ध अपराध है और युद्ध विराम और कैदी विनिमय का साफ उल्लंघन है।” इसके अलावा हमास ने मध्यस्थों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि वे इजराइल सरकार पर 2 मिलियन से ज्यादा लोगों के खिलाफ दंडात्मक और अनैतिक उपायों को रोकने के लिए दबाव डालें। हमास ने कहा है कि पहले चरण को बढ़ाने को लेकर नेतन्याहू का बयान समझौते से बचने और दूसरे चरण के बातचीत से भागने की एक साफ कोशिश है।
दरअसल, इजराइल ने अमेरिका समर्थित एक प्रस्ताव को अपनाने की बात कही थी, जिसके तहत रमजान और पासओवर के दौरान सीजफायर जारी रखने की योजना थी। इसके बदले, गाजा में बचे हुए आधे बंधकों को रिहा करने की शर्त रखी गई थी। दोनों पक्षों ने अभी तक दूसरे चरण पर बातचीत नहीं की है, जिसमें हमास को इजरायल के पीछे हटने और स्थायी युद्ध विराम के बदले में दर्जनों शेष बंधकों को रिहा करना था। इजराइल ने रविवार को पहले कहा कि वह रमजान और या 20 अप्रैल तक युद्ध विराम के पहले चरण को बढ़ाने के प्रस्ताव का समर्थन करता है।