तेहरान/नई दिल्ली: ईरान ने आज इजरायल पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उसके सैन्य हमले में 224 लोगों की मौत हो गई और 1,257 लोग घायल हुए हैं। यह हमला 13 जून 2025 को इजरायल के 200 फाइटर जेट्स द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों और सैन्य अड्डों पर किया गया था। ईरान ने इसे “जायोनिस्ट शासन” द्वारा अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता पर गंभीर उल्लंघन करार दिया है
ईरानी स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता हुसैन केरमानपूर ने दावा किया कि रविवार को मारे गए 224 लोगों में से 90% नागरिक थे। तेहरान में इजरायली मिसाइलों से तबाह हुए आवासीय इलाकों से खून से लथपथ बच्चों को मलबे से निकालने की हृदयविदारक तस्वीरें ईरान के सरकारी टीवी पर प्रसारित की गईं। ईरान का आरोप है कि इजरायल ने जानबूझकर रिहायशी इलाकों, अस्पतालों और शोध केंद्रों को निशाना बनाया, जो युद्ध अपराध की श्रेणी में आता है।
अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के प्रमुख राफेल ग्रॉसी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को बताया कि इजरायल के हमले से ईरान की नतांज परमाणु सुविधा में रेडियोधर्मी और रासायनिक प्रदूषण फैला है। इस हमले में ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के खुफिया प्रमुख सहित कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारी मारे गए हैं।
ईरान ने संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 51 के तहत आत्मरक्षा का अधिकार जताते हुए इजरायल के खिलाफ जवाबी सैन्य अभियान शुरू कर दिया है। तेहरान ने चेतावनी दी है कि इस हमले के गंभीर परिणामों की जिम्मेदारी इजरायल और उसके समर्थकों पर होगी। ईरान का कहना है कि वह अमेरिका के साथ परमाणु विवाद पर अप्रत्यक्ष वार्ता में शामिल था, ऐसे में यह हमला अंतरराष्ट्रीय सिद्धांतों का उल्लंघन है।
इजरायल और ईरान के बीच मिसाइल हमलों का यह तीसरा दिन है, जिसमें दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। इजरायली सेना ने दावा किया कि उसने ईरान की 270 से अधिक मिसाइलों में से ज्यादातर को रोक लिया, लेकिन तेल अवीव के रामत गान क्षेत्र में कई इमारतें क्षतिग्रस्त हुईं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह टकराव क्षेत्रीय अस्थिरता को और बढ़ा सकता है।
भारत ने अभी तक इस घटना पर आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन विदेश मंत्रालय घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की जा रही है कि वे इस संघर्ष को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाएं।