नई दिल्ली : इजरायल और ईरान के बीच तनाव एक नई ऊंचाई पर पहुंच गया है, जहां ईरान ने इजरायल पर मिसाइल हमले किए हैं, जिसे इजरायल की ओर से की गई कार्रवाइयों का जवाबी कार्रवाई बताया जा रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, ईरान ने इजरायल पर मिसाइल हमला किया, जो कि एक बड़े संघर्ष की ओर इशारा कर रहा है।
रिपोर्ट में दिखाए गए वीडियो में इजरायल में व्यापक तबाही के दृश्य हैं, जिसमें इमारतों को नुकसान पहुंचा है और मिसाइलों के प्रभाव के निशान स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहे हैं। यह हमला अक्टूबर 2024 में ईरान द्वारा इजरायल पर किए गए 200 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलों के हमले की याद दिलाता है, जो कि “ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस II” के नाम से जाना जाता है। हालांकि, उस समय के हमलों से इजरायल को कम नुकसान हुआ था, लेकिन अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इसे गंभीरता से लिया और क्षेत्रीय युद्ध की आशंका जताई थी।
इस नवीनतम घटनाक्रम में, ईरान ने इजरायल पर मिसाइल हमले को “जवाबी कार्रवाई” के रूप में वर्णित किया है, जो कि इजरायल द्वारा ईरानी नेताओं और सैन्य अधिकारियों पर की गई हत्याओं के जवाब में है। इसमें हमास के नेता इस्माइल हनियेह, हिजबुल्लाह के नेता हसन नसरल्लाह और ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के जनरल अब्बास नीलफोरौशन की हत्याएं शामिल हैं।
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी इस संदर्भ में एक बयान दिया है, जिसमें उन्होंने कहा कि उन्हें ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामोनेई की लोकेशन मालूम है। यह बयान क्षेत्र में तनाव को और बढ़ा सकता है, क्योंकि यह संकेत देता है कि अमेरिका और इजरायल के बीच सैन्य और राजनीतिक रणनीतियां कूटनीतिक रूप से जुड़ी हुई हैं।
इजरायल-ईरान संघर्ष का यह नया दौर जून 2025 में शुरू हुआ, जब इजरायल ने ईरान पर unilateral सैन्य हमला किया, जिसमें नाभिकीय सुविधाओं, मिसाइल कारखानों, वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों और नाभिकीय वैज्ञानिकों को निशाना बनाया गया। इसके जवाब में ईरान ने 23 जून को कतर में स्थित अल उदीद एयर बेस पर अमेरिकी बलों पर मिसाइल हमला किया, हालांकि इसमें कोई हताहत नहीं हुआ।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस स्थिति पर कड़ी नजर रखे हुए है, क्योंकि यह क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर स्थिरता को प्रभावित कर सकता है। संयुक्त राष्ट्र और विभिन्न देशों के नेता इस तनाव को कम करने के लिए कूटनीतिक प्रयासों की वकालत कर रहे हैं, लेकिन स्थिति अभी भी अस्थिर बनी हुई है।
यह घटनाक्रम 2020 में कासिम सुलेमानी की हत्या के बाद से जारी तनाव की एक लंबी श्रृंखला का हिस्सा है, जिसने ईरान और अमेरिका के बीच संबंधों को और खराब कर दिया था। ईरान ने सुलेमानी की हत्या के लिए “शर्मनाक बदला” लेने की प्रतिज्ञा की थी, और अब यह देखना होगा कि यह तनाव किस दिशा में जाता है।
रिपोर्ट के अनुसार, इजरायल और ईरान के बीच यह संघर्ष केवल सैन्य कार्रवाइयों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक बड़े geopolitical संघर्ष का हिस्सा है, जिसमें अमेरिका की भूमिका भी महत्वपूर्ण है। क्षेत्र में शांति और स्थिरता बहाल करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को तत्काल और प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है।