तुलमुल्ला, गंदेरबल (जम्मू-कश्मीर): जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने आज खीर भवानी मंदिर में पारंपरिक हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार पूजा-अर्चना की। यह मंदिर, जो कश्मीरी हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है, तुलमुल्ला गाँव में स्थित है और राग्न्या देवी को समर्पित है।
सिन्हा की यह यात्रा उस समय हुई है जब क्षेत्र में सांस्कृतिक और धार्मिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के प्रयास जारी हैं। खीर भवानी मंदिर, जिसके पवित्र जलाशय के रंग बदलने की मान्यता है, कश्मीरी हिंदुओं के लिए एक प्रमुख तीर्थस्थल है। उपराज्यपाल की उपस्थिति और उनकी भागीदारी मंदिर की सांस्कृतिक और धार्मिक महत्ता को रेखांकित करती है, विशेषकर 2019 में अनुच्छेद 370 के निरसित होने के बाद क्षेत्र में सामाजिक-राजनीतिक गतिशीलता के संदर्भ में।
इस दौरान सिन्हा ने मंदिर में विभिन्न रीति-रिवाजों का पालन किया, जिसमें जल अर्पण और पारंपरिक प्रसाद वितरण शामिल थे। उनकी इस गतिविधि को स्थानीय समुदाय और पर्यटकों द्वारा सकारात्मक रूप से देखा गया, जो क्षेत्र में शांति और सौहार्द्र को बढ़ावा देने के प्रयासों का हिस्सा है।
हालांकि, सिन्हा की यह यात्रा ऐसे समय में हुई है जब उनके खिलाफ प्रशासनिक दुरुपयोग के आरोप लगे हैं। हाल ही में, जम्मू-कश्मीर के निवासी आयुक्त द्वारा दिल्ली में प्रधान सचिव को एक पत्र लिखा गया था, जिसमें 2021 में उनके पुत्र की सगाई समारोह के लिए सार्वजनिक धन के दुरुपयोग का आरोप लगाया गया था। इन आरोपों के बावजूद, सिन्हा की मंदिर यात्रा उनकी छवि को मजबूत करने और स्थानीय संस्कृति से उनकी कनेक्टिविटी को दर्शाने का एक प्रयास प्रतीत होता है।
खीर भवानी मंदिर की वार्षिक मेला, जो ज्येष्ठ अष्टमी के दौरान आयोजित होती है, कश्मीरी हिंदुओं के लिए एक प्रमुख सांस्कृतिक और धार्मिक आयोजन है। इस वर्ष भी मेला के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक मंदिर में एकत्र हुए, जिससे क्षेत्र में सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा मिला।
सिन्हा की यह यात्रा न केवल धार्मिक महत्व रखती है बल्कि यह भी दर्शाती है कि कैसे राजनीतिक नेतृत्व स्थानीय समुदायों के साथ जुड़ाव बनाए रखने और क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के प्रयास कर रहा है।