बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले जन सुराज पार्टी (Jan Suraj Party Crisis) में भीतरघात और असंतोष की लहर दौड़ पड़ी है। कैमूर जिले की चैनपुर विधानसभा सीट से टिकट बंटवारे को लेकर पार्टी में बड़ा बवाल मच गया है। प्रशांत किशोर की नेतृत्व वाली इस पार्टी को उस वक्त गहरा राजनीतिक झटका लगा जब टिकट वितरण के विरोध में 17 स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं ने सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया।


जानकारी के अनुसार, इस्तीफा देने वालों में जन सुराज के चैनपुर प्रखंड अध्यक्ष, अति पिछड़ा समाज के जिला उपाध्यक्ष समेत कई सक्रिय और पुराने कार्यकर्ता शामिल हैं। इनका आरोप है कि पार्टी ने टिकट वितरण में अपने ही घोषित सिद्धांतों को ताक पर रख दिया है।
जन सुराज पार्टी ने चैनपुर विधानसभा सीट से पूर्व मंत्री स्व. लालमुनि चौबे के पुत्र हेमंत चौबे को उम्मीदवार घोषित किया है। इस फैसले ने पार्टी के अंदर असंतोष की आग भड़का दी। पार्टी के संभावित उम्मीदवार रहे रविन्द्र सिंह ने इस निर्णय का खुलकर विरोध करते हुए कहा—
“प्रशांत किशोर जी हमेशा कहते रहे हैं कि जन सुराज परिवारवाद के खिलाफ है और मंत्री या विधायक के बेटों को टिकट नहीं दिया जाएगा। लेकिन चैनपुर में उन्हीं सिद्धांतों को नजरअंदाज करते हुए हाल ही में शामिल हुए हेमंत चौबे को टिकट दे दिया गया। यह पुराने और समर्पित कार्यकर्ताओं के साथ अन्याय है।”
टिकट कटा तो छलका दर्द: BJP विधायक ललन पासवान बोले- अब पार्टी को दलित की जरूरत नहीं
इस विवाद ने पार्टी की उस छवि को झटका दिया है, जो अब तक खुद को वैकल्पिक राजनीति और पारदर्शिता की मिसाल बताती रही है। प्रशांत किशोर के नेतृत्व में जन सुराज पार्टी ने बिहार में जनसंवाद यात्राओं और संगठनात्मक विस्तार के ज़रिए अपने जनाधार को मजबूत करने की कोशिश की थी। लेकिन चैनपुर का यह विवाद पार्टी के भीतर बढ़ते गुटबाज़ी और विश्वास संकट को उजागर कर रहा है।






















