मुजफ्फरपुर में नाबालिग दलित लड़की से बलात्कार और फिर इलाज के दौरान पटना में हुई उसकी मौत के मामले ने अब राजनीतिक रंग ले लिया है। जन सुराज पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मुलाकात की है। मुजफ्फरपुर के जगन्नाथपुर गांव की दलित नाबालिग लड़की के साथ घटित अमानवीय घटना और उसके बाद (PMCH) की लापरवाही के कारण उस लड़की की हुई मौत के खिलाफ ज्ञापन सौंपा है। इस दौरान प्रतिनिधिमंडल में जितेन्द्र मिश्रा, ओबेदुर रहमान, एन.पी. मंडल और इंदु सिन्हा शामिल रहीं। राज्यपाल से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बात करते हुए प्रदेश अध्यक्ष मनोज भारती ने कहा कि, जन सुराज पार्टी अपनी 4 मांगों को लेकर राज्यपाल से मुलाकात की है।
- पहली मांग- इस पूरी घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए स्वास्थ्य मंत्री तुरंत इस्तीफा दें।
- दूसरी मांग- एसकेएमसीएच (SKMCH) और पीएमसीएच (PMCH) में हुई प्रशासनिक और चिकित्सकीय लापरवाही की न्यायिक जांच हो और दोषी कर्मियों के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक और आपराधिक कार्रवाई की जाए।
- तीसरी मांग- पीड़ित परिवार को 1 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए।
- चौथी मांग- दुष्कर्म के दोषियों को त्वरित न्याय प्रणाली के तहत सख्त से सख्त सजा मिले ताकि समाज में न्याय प्रणाली के प्रति विश्वास बहाल हो।
आपको बता दें कि कुढ़नी दुष्कर्म कांड की पीड़िता की पीएमसीएच में मौत के बाद कुढ़नी थाने की पुलिस सक्रिय हुई। घटना के सात दिन बाद बच्ची व आरोपित के कपड़े और घटनास्थल से एकत्र साक्ष्यों को आनन-फानन में विशेष कोर्ट में पेश किया। इन कपड़ों व अन्य साक्ष्यों को एफएसएल पटना से जांच कराने की कोर्ट से अनुमति ली। सात दिन तक इन कपड़ों व साक्ष्यों की जांच कराने को लेकर पुलिस चुपचाप बैठी रही। इससे कुढ़नी पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं।
जांच के लिए बनाई गई है टीम
घटना के बाद बच्ची का पहले मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच में इलाज हुआ था। इसके बाद उसे पीएमसीएच (पटना) लाया गया था। दोनों जगह इलाज में लापरवाही के आरोप लगे हैं। इस पूरे मामले में जब विपक्ष ने सरकार को घेरना शुरू किया तो मंत्री मंगल पांडेय ने जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग के तीन डायरेक्टर इन चीफ के नेतृत्व में जांच कमेटी का गठन किया है।
दूसरी ओर सरकार ने एक्शन लेते हुए पीएमसीएच के प्रभारी उपाधीक्षक डॉ. अभिजीत को पद से हटा दिया है। मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच की डॉ. कुमारी विभा को भी सस्पेंड किया गया है। आरोपी की गिरफ्तारी हुई है। 15 दिनों के भीतर स्पीडी ट्रायल चलाकर कठोर कार्रवाई की बात सरकार की ओर से कही गई है। इसी बीच अब यह मुद्दा राजभवन तक पहुंच गया है।