बिहार की राजनीति में 11 अप्रैल 2025 का दिन नया इतिहास लिखने जा रहा है। प्रशांत किशोर (PK) की जन सुराज पार्टी पटना के गांधी मैदान में अपनी पहली बड़ी ‘बिहार बदलाव रैली’ करने जा रही है। यह रैली सिर्फ एक सभा भर नहीं, बल्कि बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए जन सुराज का शंखनाद मानी जा रही है।
क्या गांधी मैदान से बदलेगी बिहार की राजनीति?
पटना की दीवारों पर चस्पा “फैसला तो गांधी मैदान में होगा!” जैसे पोस्टरों से राजनीतिक गलियारों में चर्चा खूब हो रही है। यह सवाल अब हर किसी की जुबां पर है—आखिर प्रशांत किशोर क्या बड़ा ऐलान करने वाले हैं? क्या वे चुनावी रण में खुद उतरेंगे या कोई नया गठबंधन बनाने की घोषणा करेंगे? इन अटकलों का जवाब आज गांधी मैदान में मिलेगा, लेकिन फिलहाल यह तय माना जा रहा है कि बिहार की राजनीति में बड़ा धमाका होने वाला है।
रैली की भव्य तैयारियां—हर गली, हर चौक पर जन सुराज
रैली की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। पटना की गलियों, चौकों और मुख्य सड़कों पर जन सुराज के बैनर-पोस्टर लोगों का ध्यान खींच रहे हैं। पार्टी पदाधिकारियों का दावा है कि गांधी मैदान में जनसैलाब उमड़ेगा और यह रैली बिहार की राजनीतिक दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाएगी।
प्रशांत किशोर खुद लगातार 12 जिलों में घूमकर उद्घोष यात्राएं कर चुके हैं और जनता को इस रैली का हिस्सा बनने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। पार्टी के अन्य नेता भी गांव-गांव, पंचायत-पंचायत जाकर जनता को आमंत्रित कर चुके हैं। पटना में तेज बारिश के बावजूद तैयारी जोरों पर है, जिससे कार्यकर्ताओं का जोश साफ झलकता है।
गांधी मैदान से बिहार की सत्ता तक—पीके की रणनीति क्या होगी?
प्रशांत किशोर राजनीति के चाणक्य माने जाते हैं। उन्होंने कई राज्यों में चुनावी चमत्कार किए हैं, लेकिन बिहार में वे खुद एक नई पार्टी के साथ मैदान में हैं। सवाल यह उठता है कि क्या पीके मुख्यमंत्री पद की दावेदारी करेंगे? या फिर क्या कोई बड़ा गठबंधन या नया चेहरा पेश किया जाएगा? या जन सुराज अकेले चुनाव लड़कर बिहार की सत्ता के समीकरण बदलने का दावा करेगा?
पटना में उमड़ेगा जनसैलाब—रैली से पहले ही कार्यकर्ताओं का जमावड़ा
रैली में शामिल होने के लिए गुरुवार शाम से ही हजारों कार्यकर्ता पटना पहुंचने लगे हैं। इनके ठहरने और खाने-पीने की व्यवस्था मेरिन ड्राइव के पास बिहार सत्याग्रह आश्रम में की गई थी। पार्टी की कोशिश है कि यह रैली बिहार की अब तक की सबसे बड़ी राजनीतिक रैली बने।