[Team Insider]: गीतकार जावेद अख्तर (Lyricist Javed Akhtar) और उनकी पत्नी शबाना आज़मी (Shabana Azmi) ने हाल ही में उन ट्रोल्स का जवाब दिया है। जिन्होंने उनके परदादा फ़ज़ल-ए-हक खैराबादी के सम्मान पर सवाल उठाया था। जावेद ने मुस्लिम महिलाओं की ‘नीलामी’ करने वाली एक विवादित वेबसाइट के खिलाफ आवाज उठाई थी, जिसके बाद कुछ ट्विटर (Twitter) यूजर्स ने उनके पूर्वजों को ट्रोल किया था।
गोडसे की महिमामंडित करने वाले लोगों के खिलाफ आवाज उठायी थी
दिवंगत फजल-ए-हक के खिलाफ बोलने वालों की आलोचना करते हुए, जावेद ने ट्विटर पर लिखा, जब मैंने महिलाओं की ऑनलाइन नीलामी और गोडसे की महिमामंडित करने वाले लोगों के खिलाफ आवाज उठायी थी। लेकिन कुछ बड़े लोगों ने गाली देना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि मेरे परदादा एक स्वतंत्रता सेनानी थे। जिनकी मृत्यु 1864 में काला पानी में हुई थी। गीतकार ने मंगलवार की तड़के ट्विटर पर ‘बुली बाई’ ऐप पर सौ महिलाओं की ऑनलाइन नीलामी के खिलाफ अपना गुस्सा व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि वह इस मुद्दे पर सारे लोग चुप हैं जो कि हैरानी की बात है।
फ़ज़ल-ए-हक को जानना चाहते हैं तो ”बागी हिंदुस्तान” पढ़ें
शबाना आज़मी ने एक ट्वीट का जवाब दिया। जिसमें फ़ज़ल-ए-हक पर ब्रिटिश शासन के दौरान एक मंदिर को गिराने की कोशिश करने का आरोप लगाया गया था। उसने कहा, यह सरासर झूठ है। फजले हक एक स्वतंत्रता सेनानी थें। जिन्हें अंग्रेजों ने काला पानी की सजा सुनाई थी। उनकी मृत्यु अंडमान में हुई थी और उनकी कब्र अभी भी वहीं है जहां उन्हें एक नायक के रूप में सम्मानित किया जाता है। अगर आप उनके बारे में और जानना चाहते हैं तो ”बागी हिंदुस्तान” पढ़ें।