नई दिल्ली : भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने आज भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा आयोजित ऑपरेशन सिंदूर की सराहना की, जिसमें आतंकवादी शिविरों पर सटीक प्रहार किया गया। यह अभियान मई 2025 में शुरू किया गया था, जो 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए घातक आतंकवादी हमले के जवाब में था, जिसमें 26 नागरिकों की मृत्यु हुई थी। जयशंकर ने कहा कि जब देश की रक्षा और हित सर्वोपरि होते हैं, तो यह गर्व का विषय है।
ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया। यह अभियान न केवल सैन्य सफलता का प्रतीक है, बल्कि भारत की बढ़ती वैश्विक कूटनीतिक पहल का भी परिचायक है। अभियान के तहत 33 देशों, जिसमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य भी शामिल हैं, को वैश्विक पहुंच के हिस्से के रूप में शामिल किया गया ताकि भारत-विरोधी कथनों का जवाब दिया जा सके। एक हालिया 2023 के अध्ययन के अनुसार, जर्नल ऑफ कन्फ्लिक्ट रिजॉल्यूशन में प्रकाशित रिपोर्ट में पाया गया कि अंतरराष्ट्रीय गठबंधन और एकजुट संदेशों से आतंकवादी गतिविधियों में पुनरावृत्ति 15% तक कम होती है।
क्षेत्रीय तनाव और भारत की कूटनीति
पहलगाम हमले के बाद भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी दृढ़ नीति को दोहराया है, जिसमें पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी गतिविधियों को निष्प्रभावी बनाना शामिल है। जयशंकर ने पिछले वर्षों में भारत-चीन संबंधों को स्थिर रखने और दक्षिण एशिया में भारत के प्रभाव को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। एक 2024 की रैंड कॉर्पोरेशन रिपोर्ट के अनुसार, भारत पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद का मुकाबला करने में अपनी बढ़ती वैश्विक स्थिति को मजबूत कर रहा है।
वैश्विक समर्थन और भविष्य की राह
ऑपरेशन सिंदूर के जरिए भारत ने न केवल सैन्य शक्ति का प्रदर्शन किया, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक सहयोग की आवश्यकता पर भी जोर दिया। जयशंकर के नेतृत्व में, भारत ने क्षेत्रीय और वैश्विक मंचों पर अपनी स्थिति को मजबूत करने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं, जो देश की सुरक्षा और हितों की रक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
यह खबर भारत की आतंकवाद विरोधी रणनीति में एक नया अध्याय जोड़ती है, जो क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।