राज्यसभा में बुधवार को जनता दल (यूनाइटेड) के सांसद संजय कुमार झा ने रेलवे में बदलाव को लेकर हार्वर्ड विश्वविद्यालय में व्याख्यान देने के लिए आमंत्रित किए जाने की एक पुरानी घटना का उल्लेख करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री लालू प्रसाद पर तंज कसा और कहा कि आज वह भ्रष्टाचार के एक मामले में जमानत पर हैं। संजय झा की इस टिप्पणी पर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के सदस्यों ने कड़ी आपत्ति जताई और इसे लेकर सदन में कुछ देर शोरगुल भी हुआ।
जेडीयू सांसद की इस टिप्पणी पर राजद के सांसद और तेजस्वी यादव के करीबी संजय यादव ने कहा कि लालूजी ने जो इस देश के रेलवे को दिया है, अब तक कोई रेल मंत्री नहीं दे पाया। उन्होंने बिहार को तीन कारखाने दिए, किस रेल मंत्री ने दिया। आज आपकी सत्ता है तो आप चाहे लालूजी को जो कह लीजिए, लेकिन जब इतिहास मूल्यांकन करेगा तो लालूजी का नाम सबसे ऊपर होगा और आपको फुटनोट में भी जगह नहीं मिलेगी।
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बता दें कि रेल मंत्रालय के कामकाज पर राज्यसभा में हुई चर्चा में भाग लेते हुए जद (यू) नेता ने पार्टी प्रमुख और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की उपलब्धियों को रेखांकित किया, जब वह रेल मंत्री थे। जदयू सांसद ने कहा कि जब भी दो-चार सम्मानित रेल मंत्रियों का जिक्र होगा तो उसमें नीतीश कुमार का नाम अवश्य आएगा।
राज्यसभा में बोलते हुए संजय झा ने आगे कहा कि उस समय नीतीश कुमार ने रेलवे लाइनों की सुरक्षा को लेकर ठोस कदम उठाए और उन्हें मजबूत बनाया। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार के तहत बिहार के लिए रेल बजट आवंटन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, राज्य को 2025-26 के बजट में 10,000 करोड़ रुपये से अधिक मिले हैं। जद (यू) और राजद बिहार की राजनीति में कट्टर प्रतिद्वंद्वी रहे हैं, भले ही उन्होंने महागठबंधन के हिस्से के रूप में राज्य में सत्ता साझा की है।

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद प्रमुख का नाम लिए बिना झा ने कहा कि एक पूर्व रेल मंत्री को हार्वर्ड विश्वविद्यालय ने एक कार्यक्रम के लिए बुलाया था। उन्होंने कहा कि जो एक बड़ा प्रश्न चिह्न था। उन्होंने कहा कि हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में ऐसे आदमी को बुलाया गया, जिन पर भ्रष्टाचार के मामले में अभी मुकदमा चल रहा है और वह जमानत पर हैं। राजद के मनोज कुमार झा ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए झा की टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताई और मांग की कि उन्हें कार्यवाही से निकाल दिया जाना चाहिए।
संसद के उच्च सदन में जब संजय झा यह बयान दे रहे थे उस समय आसन पर कांग्रेस के राजीव शुक्ला पीठासीन थे। उन्होंने कहा कि इस टिप्पणी की जांच की जाएगी और फिर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। हालांकि इससे पहले, शुक्ला ने कहा कि जो व्यक्ति सदन में मौजूद नहीं हैं, उनका नाम नहीं लिया जा सकता है।