JDU Expulsion Bihar: राजनीति में अनुशासन को लेकर अपनी सख्त छवि रखने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर स्पष्ट संदेश दे दिया है कि जनता दल (यू) में बगावत या अनुशासनहीनता किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बिहार में विधानसभा चुनाव 2025 की सरगर्मियों के बीच जदयू ने रविवार को बड़ा संगठनात्मक कदम उठाते हुए कई वरिष्ठ नेताओं, पूर्व मंत्रियों, विधायकों और विधान पार्षदों को पार्टी से निष्कासित कर दिया। इस कार्रवाई ने प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दी है।
पार्टी के प्रदेश महासचिव और मुख्यालय प्रभारी एस्टेब्लिशमेंट चंदन कुमार सिंह द्वारा जारी सूचना के मुताबिक, जिन नेताओं पर कार्रवाई हुई है, उनमें पूर्व मंत्री शैलेश कुमार, पूर्व विधान पार्षद संजय प्रसाद, बड़हरिया के पूर्व विधायक श्याम बहादुर सिंह, भोजपुर के बरहरा से पूर्व विधान पार्षद रणविजय सिंह और बरबीघा के पूर्व विधायक सुदर्शन कुमार के नाम प्रमुख हैं। इनके अलावा बेगूसराय के अमर कुमार सिंह, वैशाली की डॉ. आसमा परवीन, औरंगाबाद के नवीनगर से लव कुमार, कदवा कटिहार से आशा सुमन, मोतिहारी पूर्वी चंपारण से दिव्यांशु भारद्वाज, और जीरादेई सिवान से विवेक शुक्ला को भी बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है।

जदयू की इस सख्त कार्रवाई के बाद पार्टी के भीतर खलबली मची हुई है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह कदम एक “डैमेज कंट्रोल मूव” है, जिसका उद्देश्य चुनावी सीज़न में पार्टी की छवि को बचाए रखना और संगठन में अनुशासन कायम करना है। बताया जा रहा है कि निष्कासित नेताओं में से कई ऐसे थे जिन्हें आगामी चुनाव में टिकट नहीं मिला था, जिससे वे नाराज़ होकर पार्टी के खिलाफ बयानबाज़ी कर रहे थे या निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे थे।
यह कदम ऐसे समय में आया है जब कुछ दिन पहले ‘हम पार्टी’ (Hindustani Awam Morcha) ने भी बगावत करने वाले नेताओं पर कार्रवाई की थी। अब जदयू के इस निर्णय ने स्पष्ट कर दिया है कि सत्तारूढ़ गठबंधन में चुनावी अनुशासन सर्वोच्च प्राथमिकता है।
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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पार्टी नेताओं को स्पष्ट संदेश दिया है कि संगठन में केवल वही लोग रहेंगे जो पार्टी की विचारधारा, नीतियों और नेतृत्व के प्रति पूरी निष्ठा रखते हैं। सूत्रों का कहना है कि नीतीश नहीं चाहते कि जदयू की एकजुटता चुनाव के पहले किसी आंतरिक कलह से प्रभावित हो। इस कारण, अनुशासनहीनता दिखाने वालों पर कार्रवाई की गई है ताकि अन्य कार्यकर्ताओं को भी सख्त संदेश दिया जा सके।






















