बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Election 2025) के लिए जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने बुधवार को अपनी पहली सूची जारी कर दी है, जिसमें 57 उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं। इस सूची के जारी होते ही राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई है, क्योंकि पार्टी ने जहां एक ओर तीन बाहुबली नेताओं को टिकट देकर ‘मसल पावर’ पर भरोसा जताया है, वहीं दूसरी ओर 10 अनुसूचित जाति (SC) उम्मीदवारों को उतारकर सामाजिक संतुलन साधने की कोशिश की है।
मोकामा से अनंत सिंह, एकमा से धुमल सिंह, और कुचाएकोट से अमरेंद्र पांडे को टिकट दिया गया है, जो क्षेत्र में प्रभावशाली और विवादित छवि वाले नेता माने जाते हैं। इस कदम को JDU की “हार्डकोर ग्राउंड स्ट्रेंथ” और “कास्ट बैलेंस पॉलिटिक्स” का मिश्रण माना जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार, सरायरंजन सीट पर मौजूदा मंत्री विजय कुमार चौधरी की जगह उनके बेटे के चुनाव लड़ने की अटकलें जोरों पर थीं, लेकिन पार्टी ने इन अटकलों पर विराम लगाते हुए एक बार फिर विजय चौधरी पर भरोसा जताया है। इसी तरह, 2020 के विधानसभा चुनाव में सबसे कम 12 वोटों से जीतने वाले कृष्ण मुरारी शरण उर्फ प्रेम मुखिया को भी पार्टी ने दोबारा हिलसा से मैदान में उतारा है।
मीडिया में यह भी कयास लगाए जा रहे थे कि मंत्री महेश्वर हजारी का टिकट कट सकता है, लेकिन पार्टी ने उन्हें फिर से कल्याणपुर से प्रत्याशी बनाकर सभी अटकलों को खारिज कर दिया। वहीं, मंत्री रत्नेश सादा को भी सोनबरसा से टिकट मिल गया है, जो यह दर्शाता है कि पार्टी ने मौजूदा मंत्रियों पर भरोसा कायम रखा है।
2025 के विधानसभा चुनाव में JDU 101 सीटों पर मैदान में उतर रही है, जबकि 2020 में उसने 115 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 43 सीटों पर जीत हासिल की थी। यानी इस बार पार्टी ने सीटों की संख्या घटाकर फोकस उन क्षेत्रों पर किया है जहां जीत की संभावना ज्यादा है।

























