बिहार विधान परिषद में शुक्रवार को चापलूसी के मुद्दे पर राजद सदस्य अब्दुल बारी सिद्दीकी और अशोक चौधरी के बीच तीखी बहस हो गई। इस दौरान जदयू MLC रीना यादव भावुक हो गईं और कहा कि मैं ज्यादा नहीं पढ़ सकी, लेकिन आज जब सदन में बोल रही हूं, तो मुझे चापलूस कहा जा रहा है। यह कहते हुए वह रोने लगीं। दरअसल, विधानपरिषद में महिलाओं के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा वर्ष 2005 के बाद किए गए कामों की लम्बी फेहरिस्त गिनाते हुए रीना देवी पनी बात रख रही थीं।

इसी दौरान राजद के अब्दुलबारी सिद्दीकी ने अपनी जगह पर बैठे बैठे कुछ टिप्पणी कर दी। सिद्दीकी की टिप्पणी पर त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि आप सदन के वरिष्ठ सदस्य हैं। महिला दिवस है और आप बैठे बैठे टिप्पणी कर रहे हैं। आप ऐसा करेंगे तो अन्य सदस्य क्या सीखेंगे। सीनियर लीडर को महिला के उत्साह कम नहीं करना चाहिए।
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अशोक चौधरी पर पलटवार करते हुए सिद्दीकी ने कहा कि मंत्री को ज्यादा चापलूसी नहीं करनी चाहिए। उनका संकेत सदन में मौजूद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए अशोक चौधरी द्वारा की जाने वाली तारीफों से था। इस पर अशोक चौधरी ने कहा कि वे तो ऐसे व्यक्ति की चापलूसी कर रहे जो देश में सबसे बड़ा समाजवादी है।

हालाँकि अब्दुलबारी सिद्दीकी और अशोक चौधरी के बीच जारी नोंकझोंक के दौरान ही जदयू एमएलसी रीना यादव फिर से अपनी जगह पर खड़ी हो गई। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार द्वारा महिलाओं के हित में किए गए कामों का बखान करना कोई चापलूसी नहीं है। वह चापलूसी नहीं कर रही हैं. बल्कि जब वह पढ़ती थी तो सन 2000 के दशक के शुरूआती दौर में मैट्रिक के बाद इसलिए उनके पिता ने आगे पढ़ने नहीं भेजा क्योंकि तब महिलाओं के लिए अच्छा माहौल नहीं था।
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इस दौरान अपनी पीड़ा बयां करते हुए रीना यादव भावुक होकर रोने लगी। वहीं सभापति अवधेश नारायण सिंह ने रीना यादव को बताया कि अब्दुल बारी सिद्दीकी ने जो कहा वह उनके लिए की गई टिप्पणी नहीं थी। हालाँकि तब तक रीना यादव सदन में रोने लगी।