केंद्र सरकार द्वारा कराए जा रहे जातिगत जनगणना (Cast Census) में कुछ मांगों को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा था। अब उसी पत्र के जवाब में जदयू की ओर से भी एक पत्र लिखा गया है। जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के प्रवक्ता नीरज कुमार ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को एक खुला पत्र लिखकर उन पर अति पिछड़ा वर्ग (EBC) के साथ “ऐतिहासिक अन्याय” करने का आरोप लगाया है।

जेडीयू नेता सुधाकर भारद्वाज को प्रदेश राजनैतिक सलाहकार समिति में मिली जगह.. CM नीतीश का जताया आभार
नीरज कुमार ने इस पत्र को ‘गुनाहनामा’ नाम दिया है, जिसमें लालू-राबड़ी शासनकाल (1990–2005) में EBC समुदाय की राजनीतिक उपेक्षा और सामाजिक हकमारी का विस्तार से जिक्र किया गया है। नीरज कुमार ने आरोप लगाया कि लालू यादव ने खुद को ‘सामाजिक न्याय’ का पुरोधा बताया, लेकिन असल में उनके शासनकाल में EBC समुदाय को सत्ता, सम्मान और अवसरों से वंचित रखा गया। उन्होंने दावा किया कि राजद सरकार के दौरान मंत्रिमंडल से लेकर प्रशासनिक पदों तक में EBC की भागीदारी नगण्य रही। उन्होंने लालू यादव पर कई आरोप लगाये हैं।
कर्पूरी ठाकुर के विचारों का अपमान:
नीरज कुमार ने कहा कि लालू यादव ने जननायक कर्पूरी ठाकुर की विचारधारा और विरासत के साथ छल किया। उन्होंने इसके समर्थन में ऐतिहासिक संदर्भ और प्रमाण भी पत्र में संलग्न किए हैं।
मंत्रिमंडल में EBC की बेहद कम हिस्सेदारी:
उन्होंने कहा कि 1990 से 2005 तक बिहार में कुल 272 मंत्रियों में सिर्फ 18 मंत्री ही अति पिछड़ा वर्ग से थे, जो 6.6% से भी कम है। इसे उन्होंने EBC के साथ “राजनीतिक बहिष्कार” करार दिया।
‘फर्जी सामाजिक न्याय’ का आरोप:
पत्र में कहा गया है कि राजद शासन के दौरान न तो ‘पिछड़ा-अतिपिछड़ा कल्याण विभाग’ बनाया गया और न ही पंचायत चुनावों में EBC को एकल पदों पर आरक्षण सुनिश्चित किया गया।
जातिगत जनगणना से दूरी:
नीरज कुमार ने आरोप लगाया कि केंद्र और राज्य दोनों में प्रभावी भूमिका के बावजूद राजद ने न तो जातिगत जनगणना करवाई और न ही राज्यस्तरीय जाति सर्वेक्षण पर जोर दिया। उन्होंने इसे राजनीतिक इच्छा-शक्ति की कमी बताया।
महिला सशक्तिकरण की अनदेखी:
पत्र में यह भी उल्लेख है कि लालू शासन में विशेषकर EBC समुदाय की बेटियों को शिक्षा और सामाजिक अधिकारों से वंचित रखा गया, ताकि वे जागरूक होकर अपने हक की मांग न कर सकें।
लालू परिवार पर सीधा हमला:
नीरज ने आरोप लगाया कि लालू यादव ने अपनी राजनीति को एक चार्जशीटेड बेटे को सौंप दिया है, और अब उनके ‘गुनाहों का वैताल’ भी उसी के सिर सवार है।
118 नरसंहारों का हवाला:
गुनाहनामा में लालू शासनकाल को ‘लालटेन युग’ बताते हुए कहा गया कि उस दौरान 118 बड़े नरसंहार हुए, जिनमें सबसे ज़्यादा नुकसान अति पिछड़ा वर्ग को झेलना पड़ा।