पटना: जन सुराज पार्टी की फंडिंग और पार्टी संरचना को लेकर जेडीयू के एमएलसी नीरज कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर पर तीखा हमला बोला। नीरज कुमार ने दावा किया कि प्रशांत किशोर राजनीति में चिट फंड कंपनी चला रहे हैं और जन सुराज पार्टी का असली चेहरा छिपा हुआ है। उन्होंने पार्टी के नेतृत्व को लेकर सवाल उठाते हुए कहा कि जन सुराज पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष सरत कुमार मिश्रा हैं, लेकिन पार्टी के संरक्षक के रूप में खुद प्रशांत किशोर अपनी भूमिका बताते हैं।
नीरज कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा, “जन सुराज पार्टी पहली ऐसी पार्टी है, जिसके बैनर और पोस्टरों पर राष्ट्रीय अध्यक्ष की तस्वीर नहीं होती। पार्टी के दस्तावेजों में भी यह स्पष्ट नहीं है कि प्रशांत किशोर पार्टी में किस पद पर हैं, फिर भी वह खुद को संरक्षक बताते हैं। अगर वह संरक्षक हैं, तो चुनाव आयोग के दस्तावेजों में उनका नाम क्यों नहीं है?” उन्होंने यह भी पूछा कि पार्टी के सदस्य भी पार्टी की असल संरचना को स्पष्ट नहीं कर पा रहे हैं।
इसके अलावा, नीरज कुमार ने बिहार की राजनीति में तेलंगाना से भारी फंडिंग को लेकर सवाल उठाया। उन्होंने दावा किया कि जन सुराज पार्टी को फंडिंग मिल रही है, लेकिन असल में पैसा पार्टी को नहीं, बल्कि “जॉय ऑफ गिविंग ग्लोबल फाउंडेशन” को दिया जा रहा है। नीरज कुमार के अनुसार, फाउंडेशन का वित्तीय प्रबंधन तीन लोगों के द्वारा किया जाता है: उदय सिंह, अनुभव कुमार, और सरत कुमार मिश्रा। उन्होंने इसे “कानूनी रूप से अमान्य” बताते हुए कहा कि यह संस्था एक एनजीओ के रूप में काम कर रही है, लेकिन इसका राजनीतिक इस्तेमाल हो रहा है।
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नीरज कुमार ने यह भी कहा कि जॉय ऑफ गिविंग ग्लोबल फाउंडेशन के डायरेक्टर हर दो से तीन साल में बदल दिए जाते हैं, और इसके पीछे क्या कारण है, यह समझ से परे है। उन्होंने यह भी बताया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में इस फाउंडेशन को 48.75 करोड़ रुपये डोनेशन के रूप में मिले, जिसमें सबसे बड़ा डोनेशन 14 करोड़ रुपये रामसेतु इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड से आया। नीरज कुमार ने सवाल उठाया कि तेलंगाना की कंपनियां बिहार की राजनीति के लिए इतना बड़ा फंडिंग क्यों कर रही हैं।
इसके अलावा, नीरज कुमार ने रामसेतु इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के बारे में भी गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि इस कंपनी का पैड-अप कैपिटल सिर्फ 6.53 करोड़ रुपये है, लेकिन इसने 14 करोड़ रुपये का चंदा दिया है। उन्होंने इस कंपनी को “फर्जी” कंपनी करार देते हुए कहा कि इसका नाम और निदेशक हर 2 वर्ष में बदल जाते हैं, जिससे यह संदेहास्पद प्रतीत होती है।
नीरज कुमार ने इस पूरे मामले को लेकर सवाल उठाते हुए कहा कि क्या जॉय ऑफ गिविंग ग्लोबल फाउंडेशन समाजसेवा कर रहा है या फिर काले धन को सफेद करने की योजना चला रहा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जन सुराज पार्टी और जॉय ऑफ गिविंग ग्लोबल फाउंडेशन के नाम पर दो तरह के बिल लिए जाते हैं, जिससे यह संदेह पैदा होता है कि कुछ न कुछ गड़बड़ी चल रही है। नीरज कुमार ने यह भी कहा, ‘हम बिहार के लोगों को अभी से सचेत कर रहे हैं,. अब विधिक सलाह लेकर जो सक्षम एजेंसी है, न्यायपालिका है, उसके माध्यम से इसकी जांच शुरू कराई जाएगी और इसको मुकाम तक ले जाया जाएगा।’