[ Team Insider] ट्रेड यूनियन मजदूर संगठनों के देशव्यापी हड़ताल का असर झारखंड के कई जगह पर देखने को मिला। बात करे रांची की तो ट्रेड यूनियन के राष्ट्रव्यापी हड़ताल के बावजूद कामगार अपना कार्य करने पहुंचे थे। लेकिन कई यूनियन के लोग मजदूरों के साथ मारपीट करने लगे।
मारपीट में 5 लोग घायल
बता दे इस मारपीट में 5 लोग घायल हो गए। जिसके बाद उन्हें अस्पताल लाया गया है। फिलहाल सभी का इलाज चल रहा है। वही मौके पर पुलिस भी पहुंच जांच में जुटी है। श्रमिको का कहना है कि हरेंद्र यादव और लालदेव सिंह के संगठन के लोग मारपीट कर रहे थे। मजदूरों पर लाठियां बरसाई गई। कई लोगो को गंभीर चोट आई है। जानकारी के अनुसार यूनियनों के आह्वान के बाबजूद एचईसी के तीनों प्लांटों में काम जारी था। जिसका एक पक्ष विरोध कर रहा था, और इसे लेकर ही लगभग मारपीट हुआ है।
ट्रेड यूनियन मजदूर संगठनों ने की अपनी मांग
वही कोयलांचल क्षेत्र में भी ट्रेड यूनियन मजदूर संगठनों के देशव्यापी हड़ताल का असर दिखा। मजदूर यूनियन एटक और इंटक के संयुक्त तत्वावधान में सीसीएल बरका सयाल , उरीमारी ,कुज्जु ,घाटो रजरप्पा में प्रदर्शन किया गया। इस दौरान कोयले का उत्पादन और परिवहन प्रभावित रहा । प्रदर्शन कर रहे संयुक्त ट्रेड यूनियन द्वारा कोल माइंस बंद कर श्रम कानून में संशोधन , प्राइवेटाइजेशन कोल ब्लॉक बिक्री को बंद करने, दशवा वेतन समझौता कर NCW-11 जल्द लागू करने की मांग कर रहे थे । वही बंद परियोजना को सीटीओ दिया जाए। ताकि उन्हें फिर से चालू किया जा सके कि मांग को दोहराते दिखे।
PVUNL गेट को किया जाम
इसके अलावा पतरातू ओधोगिक क्षेत्र के PVUNL गेट को जाम कर दिया गया। पीवीयूएनएल के दोनों गेट पर शांति पूर्ण प्रदर्शन के कारण कार्यरत मजदूर अपने अपने घर चले गए। मजदूर यूनियनों ने सरकार एवं कंपनी से न्यूनतम मजदूरी भुगतान, 12 घंटे के बजाय 8 घंटे कार्य अवधि के अलावा अन्य मजदूर हितों से संबंधित मांगो को लेकर नारेबाजी करते रहे।

बैंक ,एल.आई.सी समेत तमाम सरकारी कर्मचारी हड़ताल पर
वही जमशेदपुर में भी ट्रेड यूनियन के द्वारा आहूत बंद का असर देखा गया । बैंक ,एल.आई.सी , डाक , बी.एस. एन. एल समेत तमाम सरकारी इकाइयों के कर्मचारी इस दौरान हड़ताल पर रहे । वैसे देश भर इस हड़ताल के कारण करोड़ों का नुकसान हुआ है । 28 एवं 29 मार्च दो दिवसीय इस हड़ताल में देश भर के करोड़ों मजदूर शामिल हो रहे हैं ।
देश भर के मजदूर केंद्र सरकार के नितियों का विरोध किया
बिस्टुपुर में इस दौरान पोस्टल पार्क के समीप सभी एक जुट होकर प्रदर्शन करते दिखे । बंदी में शामिल एटक के जिला सचिव अम्बुज ठाकुर ने कहा कि बैंकों के निजीकरण , सरकारी उपक्रमो को निजी हाथों में सौंपने एवं मजदूरों के श्रम कानून को खत्म करने पर केंद्र सरकार आमादा है। और इसी का विरोध बंदी के माध्यम से किया जा रहा है । इस बंदी के माध्यम से देश भर के मजदूर केंद्र सरकार के इन नितियों का विरोध करती है । और जब तक केंद्र सरकार इन कानूनों को वापस नही लेती और निजीकरण को बंद नही करती तब तक आंदोलन जारी रहेगा ।