[Team insider] अफ्रीका के माली में बीते कई महीनों से फंसे झारखंड के 33 मजदूरों में से 7 मजदूरों की वतन वापसी हो गई है। शनिवार को 7 मजदूर दिल्ली से रांची हवाई अड्डा पहुंचे। ये मजदूर गिरिडीह और हजारीबाग जिले के थे। रांची पहुंचने पर श्रम विभाग के अधिकारियों ने मजदूरों का स्वागत फूल देकर किया। सभी मजदूरों ने झारखंड की धरती को नमन करते हुए केंद्र और राज्य सरकार की शुक्रिया अदा की। दरअसल गिरिडीह और हजारीबाग जिले के 33 मजदूरों ने वेस्ट अफ्रीका के माली में फंसे थे जिसके बाद अपने राज्य वापसी की गुहार लगाई थी।
सोशल मीडिया के माध्यम से सरकार को भेजा था संदेश
16 जनवरी को सोशल मीडिया के माध्यम से सभी मजदूरों ने भारत सरकार और झारखंड सरकार को यह संदेश भेजा था। मामले में श्रम मंत्री कार्यालय द्वारा संज्ञान लेते हुए घटना की उचित करवाई हेतु राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष को निर्देशित किया जिसके बाद राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष ने मजदूरों से सत्यापन किया गया जिसमे जानकारी मिली कि वे सभी वर्ष 2021 से कल्पतरु पावर ट्रैन्ज़्मिशन लिमिटेड में फिटर के रूप में वहां कार्यरत थे। उन्हें त्रिमाही वेतन 400 US यानी डॉलर 29,725 रुपए देने की बात नियुक्ति पत्र में अंकित थी।
ठेकेदार ने जब्त कर रखा है पासपोर्ट
मजदूरों ने बताया कि ठेकेदार ने उनका पासपोर्ट जब्त कर रखा है और वह भारत वापस आ चुका है। तीन महीने से ज्यादा हो गया है लेकिन उन्हें वेतन नहीं दिया गया और उनके पास दो दिन का खाना ही बचा था। राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष ने करवाई करते हुए दूतावास और कंपनी कंट्री हेड मेनेजर से संपर्क किया।
छह मजदूर विमान से पहली खेप में रांची पहुंचे
कंपनी, ठेकेदार मजदूरों के प्रतिनिधियों को दूतावास कार्यालय बातचीत के लिए बुलाया गया जहां 18 जनवरी को तीनों पक्ष के प्रतिनिधि द्वारा दूतावास कार्यालय में समझौता पत्र में हस्ताक्षर किया गया। जिसके बाद शनिवार को छह मजदूर विमान से पहली खेप में रांची पहुंचे, जिसमें दिलीप कुमार ,छेदीलाल महतो, संतोष महतो, लालमणि महतो, इन्द्रदेव ठाकुर, लोकनाथ महतो और इन्द्रदेव प्रसाद है। सभी ने रांची आने पर पहुंचने पर केंद्र और राज्य सरकार का शुक्रिया अदा किया।