[Team Insider] झारखंड विधानसभा बजट सत्र के छठे दिन सोमवार को सत्ताधारी दल और विपक्ष के विधायकों ने अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठ कर विरोध जताया। विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले परिसर में सत्ताधारी दल ने ओबीसी आरक्षण का मुद्दा उठाया तो वहीं विपक्ष की भारतीय जनता पार्टी ने सरकार से पूछा है कि वह बताएं कि स्थानीय कौन है।
ओबीसी आरक्षण की मांग
इस दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायक धरने पर बैठ गए। सत्ता पक्ष के झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक सुदिव्य कुमार सोनू और मथुरा प्रसाद महतो ने अपनी सरकार से ओबीसी के हित में 27 प्रतिशत आरक्षण की मांग की। उन्होंने कहा है कि पूर्व की रघुवर दास की सरकार के दौरान कहा था कि राज्य में ओबीसी के 27 प्रतिशत आरक्षण का अभी सरकार के पास कोई प्रस्ताव नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा के सत्ता में रहने पर मंशा नहीं थी कि राज्य में ओबीसी के हित में आरक्षण लाया जाए।
रोजगार नहीं देना चाहती सरकार
जबकि विपक्ष की भारतीय जनता पार्टी ने सरकार से स्थानीय नीति को स्पष्ट करने की मांग की है। भाजपा विधायक अनंत ओझा ने कहा कि नियोजन नीति स्पष्ट करने की जरूरत है। स्थानीय युवाओं के हित में नियोजन नीति लाना चाहिए। वहीं विधायक नीरा यादव ने सवाल किया कि सरकार स्पष्ट करें कि राज्य में स्थानीय कौन है। विधायक बिरंचि नारायण ने हेमंत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य में युवाओं को ठगने का काम सरकार कर रही है। पिछले 26 माह में सरकार ने युवाओं को रोजगार नहीं दिया है।यह सरकार झारखंड के युवाओं को रोजगार नहीं देना चाहती हैं।