[Team Insider] झारखंड विधानसभा बजट सत्र के चौथे दिन गुरुवार को सदन की कार्यवाही से पहले सत्ताधारी दल के विधायक विधानसभा परिसर में धरने पर बैठे। सभी ने अपने ही सरकार के खिलाफ धरने पर बैठ विरोध जताया।
सत्ताधारी दल के विधायकोने ने जताया विरोध
सत्ताधारी दल के विधायकों ने जेएमएम के 5 विधायक लोबिन हेंब्रम, निरल पूर्ति, सुखराम उरांव, दशरथ गगराई, दीपक बिरुवा समेत कांग्रेस विधायक विक्सल कोंगाडी ने हेमंत सरकार से अनुसूचित जनजाति क्षेत्रों में एसपीटी और सीएनटी एक्ट लागू करने की मांग की है।सभी विधायकों ने कहा है कि उनकी सरकार आए 2 साल से ज्यादा हो गए हैं। बावजूद इसके अभी तक जनता से जो भी वादा उन्होंने ने किया था। वह पूरा नहीं हो सका।
अनुसूचित क्षेत्रों में SPT/CNT एक्ट को लागू करें सरकार
इस दौरान लोबिन हेंब्रम ने पिछले दिनों हेमंत सरकार के लाए नियोजन नीति को रद्द करते हुए नयी स्थानीय नीति आने तक इसे लागू नहीं करने की मांग की है।वहीं जेएमएम विधायकों ने मांग की है कि हेमंत सरकार अंतिम सर्वे सेटेलमेंट के आधार पर स्थानीय नीति लागू करे।इसके साथ साथ अनुसूचित क्षेत्रों में SPT/CNT एक्ट को लागू करें।
लगा देना चाहिए राष्ट्रपति शासन
हालांकि अपने ही सरकार के खिलाफ जेएमएम विधायकों के धरने को लेकर भाजपा विधायक के मांडू विधायक जयप्रकाश भाई पटेल ने कहा कि सत्तापक्ष के विधायक अपनी सरकार की कार्यशैली से नाराज है। इससे साफ हो गया है कि सरकार अल्पमत में आ गई है। ऐसे में राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा देना चाहिए।
भाजपा यहां के लोगों का फायदा उठा रही है
जामताड़ा विधायक इरफान अंसारी ने कहा कि झारखंड में 1932 खतियान लागू होना चाहिए, जिससे लगे कि या झारखंड है उन्होंने कहा कि हमें नहीं लगता यह झारखंड है यह भाजपा का झारखंड है बाहरी लोगों का झारखंड भाजपा नेता तुष्टीकरण कर दिया। लोगों में इतना नफरत पैदा कर दिया है कि स्थानीय लोग जो भेदभाव नहीं करते थे। आज भेदभाव करने पर मजबूर है उन्होंने कहा कि भाजपा यहां के लोगों का फायदा उठा रही है उन्होंने कहा बिना कांग्रेस की सरकार नहीं है।