[Team insider] भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट में झारखंड के जिला अस्पतालों की दयनीय स्थिति का खुलासा किया गया है। कैग की ओर से राज्य के 6 जिला अस्पतालों में नमूना जांच के आधार पर अपनी विस्तृत रिपोर्ट सरकार को सौंपी गई है। झारखंड की प्रधान महालेखाकार इंदु अग्रवाल ने रांची में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में बताया कि वर्ष 2014 से 19 के बीच राज्य के 6 जिला अस्पतालों मे बाह्य रोगी सेवाएं, निदान कारी सेवाएं, अंतः रोगी, मातृत्व सेवाएं, संक्रमण नियंत्रण, औषधि प्रबंधन और भवन संरचना का नमूना जांच कराया गया जिसमें स्थितियां संतोषप्रद नहीं थी।
जिलों में अस्पताल भवन में भी कमियां
प्रधान महालेखाकार ने बताया कि अस्पतालों में डॉक्टर, नर्स और मेडिकल स्टाफ की कमी के साथ दवाओं की भी कमी देखी गई। इस वजह से अस्पताल में इलाज रहत मरीजों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। प्रधान महालेखाकार इंदु अग्रवाल ने बताया कि सैंपल जांच के तहत देखा गया कि आधारभूत संरचना के तहत जिलों में अस्पताल भवन में भी कमियां है। जनसंख्या के अनुपात में जहां 500 बेड वाले अस्पताल होने चाहिए वहां ढाई सौ बेड के अस्पताल बनाए गए हैं।
सुधार के लिए भी की गई हैं कई अनुशंसा
राज्य के जिला अस्पतालों के परिणामों से संबंधित प्रतिवेदन के साथ नियंत्रक महालेखा परीक्षक की ओर से स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के लिए कई अनुशंसा भी की गई हैं। जिस पर अमल करके स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार किया जा सकता है।