[Team Insider] पिछले दिनों कांग्रेस विधायक अनूप सिंह जहां 1932 खतियान लागू करने के मामले में लोगों से घिरे।तो वही भाषा विवाद को लेकर कांग्रेस विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह को भाषा विवाद को लेकर लोगों ने चेतावनी दी है।
कांग्रेस विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह के आवास का घेराव
दरअसल भोजपुरी, मगही, अंगिका, मैथिली संस्कृति बचाओ मंच के द्वारा पिछले कई दिनों से धनबाद बोकारो जिले की स्थानीय भाषाओं की श्रेणी से इन चारों भाषाओं को बाहर किए जाने के विरोध में आंदोलन किया जा रहा है। इसी क्रम में गुरुवार को कांग्रेस विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह के आवास का घेराव मंच के द्वारा किया गया। जहां मंच से जुड़े लोगों ने विधायक पर चुप्पी तोड़ने की मांग करते हुए सरकार की नीतियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।सभी ने कहा कि भाषा को फिर से बहाल नहीं किए जाने की स्थिति में अगले विधानसभा चुनाव में तमाम जनप्रतिनिधियों को उनकी हैसियत दिखा दी जाएगी।
80% आबादी 4 भाषाओं को बोलने वाली
मंच के वक्ताओं ने कहा कि 80 प्रतिशत की आबादी इन 4 भाषाओं को बोलने वाले लोगों की है। धनबाद का जितना भी शहरी क्षेत्र है। हमारी भाषा बोलने वाले लोगों से भरा हुआ है। झारखंड के आंदोलन में भी हमने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। धरती के सीने को चीर कर यहां से खनिज निकालने का काम हमारे लोगों ने किया। जिससे आज पूरा देश जगमगाता है।
झारखंड के विकास में पुरखों का बहा है खून पसीना
उन्होंने कहा कि झारखंड के विकास में हमारे पुरखों का खून पसीना लगा हुआ है। ऐसे में कोई हमें बाहरी कह कर कैसे प्रताड़ित कर सकता है और हमारे अधिकार को कैसे छीन सकता है। हमारे स्थानीय जनप्रतिनिधियों के द्वारा भी पिछले विधानसभा सत्र के दौरान इस विषय को प्रमुखता से नहीं उठाया गया। जिसके वजह से इस भाषा को बोलने वाले लोगों में रोष व्याप्त है।
अगले विधानसभा में सिखाएंगे सबक
उन्होंने कहा कि विधायक के आवास का घेराव किया गया है और विधायक हमारी बात को सुनने के लिए मौजूद नहीं है। इससे और बड़ी विडंबना क्या हो सकती है। अगर यही रवैया रहा तो आने वाले विधानसभा चुनाव में इन जनप्रतिनिधियों को सबक सिखाने का काम किया जाएगा।