[Team insider] झारखंड सरकार की पुनर्वास नीति के तहत चलाये जा रहे अभियान से प्रभावित होकर दो लाख रुपये का ईनामी नक्सली एरिया कमांडर विमल लोहरा उर्फ बिरसा पाहन ने शनिवार को खूंटी एसपी के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। वह अड़की के चलकद इलाके में सक्रिय था। विमल लोहरा के खिलाफ 12 कांड दर्ज हैं। इनमें पुलिस पार्टी पर हमला, बीरबांकी प्रोजेक्ट स्कूल को डायनामाइट से उड़ाना, नक्सली बंदी के दिन आड़ा घाटी में ट्रक ड्राईवर को जिंदा जला कर मारने जैसी घटनाएं शामिल हैं।
नक्सलियों ने पुलिस मुखबिरी का आरोप लगा कर मारा-पीटा था
विमल लोहरा ने बताया कि पुलिस को मदद करना उसको भारी पड़ा। बताया कि एक दिन पुलिस की पार्टी गांव की ओर गयी थी। उसी समय पुलिस की बाईक खराब हो गयी थी और विमल ने पुलिस वालों की मदद की थी। इसकी जानकारी नक्सलियों को हुई, तो उस पर पुलिस मुखबिरी का आरोप लगा कर मारा-पीटा गया। घर से अगवा कर कई महीनों तक नक्सलियों साथ रखा।
कुंदन पाहन ने संगठन विस्तार का सौंपा था जिम्मा
विमल लोहरा को कुंदन पाहन ने संगठन विस्तार का जिम्मा सौंपा था। उसे एरिया कमांडर का दर्जा मिला था। उसने बताया कि हाल के दिनों में नक्सली संगठन सिर्फ लेवी वसूली और शोषण का काम करने लगे हैं, जिससे क्षुब्ध होकर उसने संगठन छोड़ दिया और चोरी छिपे अपने घर आने- जाने लगा। इसी बीच सायको थानेदार नरसिंह मुंडा के बारे सुना। उनसे संपर्क कर आत्मसमर्पण करने की इच्छा जतायी।