[Team Insider] माओवादी संगठन से पांच लाख इनामी नक्सली अलग हुआ है। नक्सलियों के आत्मसमर्पण को लेकर सुरक्षा एजेंसियां प्रयास भी कर रही है। दस्ता सदस्य सुरजनाथ खेरवार उर्फ गुड्डू ने पुलिस के पास दो दिन पहले ही सरेंडर कर दिया है। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
टूटने वाली है नक्सली संगठन की रीढ़
लोहरदगा में भाकपा माओवादी नक्सली संगठन के रीढ़ अब पूरी तरह से टूटने वाली है। भाकपा माओवादी नक्सली संगठन के रीजनल कमांडर और पंद्रह लाख के ईनामी पुलिस के लिए सिरदर्द बना कुख्यात नक्सली रविंद्र गंझू के दस्ता के पांच हार्डकोर नक्सली अलग हो चुके हैं।

पांच हार्डकोर नक्सली शामिल
सूत्रों की माने तो इसमें पांच लाख का इनामी और आईडी बनाने में माहिर प्रशिक्षित प्राप्त भाकपा माओवादी संगठन का सब जोनल कमांडर शीतल मोची,माओवादी दस्ता सदस्य राजा हेमन्त असुर उर्फ राजन सहित पांच हार्डकोर नक्सली शामिल हैं। यह दस्ता रविन्द्र गंझू के दस्ते में शामिल पांच नक्सली से अलग है।

आत्मसमर्पण करने की सूचना
ऑपरेशन डबल बुल से बचकर बूढ़ा पहाड़ का रास्ता अख्तियार किया भाकपा माओवादी संगठन का दस्ता सदस्य सूरज नाथ खेरवार उर्फ गुड्डू लोहरदगा पुलिस के पास 2 दिन पहले आत्मसमर्पण कर चुका है। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।लेकिन सूत्र बताते हैं कि संगठन से परेशान होकर मुख्यधारा में लौट आने का मन बनाने के बाद सूरज नाथ खेरवार उर्फ गुड्डू लोहरदगा पुलिस के समक्ष आत्मसमपर्ण कर दिया है। जिसकी निशानदेही पर पुलिस नक्सली के टोह में लगे रहने के साथ साथ हथियार बरामदगी और लेवी वसूली समेत अन्य मामलों की तह तक पहुंचने में जुटी हुई है।
अलग अलग हुए नक्सली
सूरज नाथ खेरवार लोहरदगा के बुलबुल गांव का ही रहने वाला है। खास बात यह है कि लोहरदगा के बुलबुल में पुलिस के साथ नक्सलियों की मुठभेड़ के बाद रविन्द्र गंझू और उसके दस्ता के अन्य नक्सली अलग -अलग हो गए थे।