[Team insider] कांग्रेस के विधायक बंधु तिर्की पर आय से अधिक संपत्ति मामले में सोमवार को रांची सिविल कोर्ट स्थित सीबीआई के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की अदालत में फैसला सुनाया गया है, जिसमें बंधु तिर्की को 3 साल की सजा हुई है। बंधु तिर्की को सजा मिलने के बाद उनकी सदस्यता जाने की आंशका जतायी जा रही है। यह मामला वर्ष 2010 में दर्ज किया गया था। इस केस का नंबर आरसी 5(A) 2010 है। CBI के मुताबिक बंधु तिर्की ने अपने विधायक और मंत्री रहने के दौरान वर्ष 2005 से लेकर वर्ष 2009 के बीच 6 लाख 28 हज़ार 698 रुपये की आय से अधिक संपत्ति अर्जित की है।
बंधु तिर्की पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा के मंत्रिमंडल में शिक्षा मंत्री रह चुके है
CBI ने इन आरोप को साबित करने के लिए न्यायालय में 21 गवाह और बंधु तिर्की की संपत्ति के काग़जात,आय-व्यय का ब्यौरा और वेतन का ब्यौरा कोर्ट को दिया है। अपने बचाव में बंधु ने भी 8 गवाह कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किये हैं। बंधु तिर्की के अधिवक्ता ने कहा हाईकोर्ट का रुख करेंगे। वहीं 3लाख का जुर्माना भी लगाया गया है। अगर जुर्माने की राशि नहीं भरते हैं। तो 6 महीना अतिरिक्त सजा काटनी होगी। बंधु तिर्की पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा के मंत्रिमंडल में शिक्षा मंत्री रह चुके है।
बंधु तिर्की बाइज्जत बरी हो
भाजपा विधायक भानु प्रताप शाही ने कहा कि कांग्रेस पार्टी की वजह से ही बंधु तिर्की को सजा हुई है। वहीं उन्होंने कहा कि बंधु तिर्की हमारे अभिन्न मित्र हैं। दल अलग हो सकता है, लेकिन दिल से हम लोग जुड़े हुए हैं। यह दुखद घटना सुनने को मिली है लेकिन न्यायालय का फैसला सर्वमान्य होता है और मैं सिर्फ ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि ऊपरी कोर्ट में जाने के बाद बंधु तिर्की बाइज्जत बरी हो। लेकिन ऐसा आरोप नहीं है जिस तरह के राजनीतिक परिस्थिति में हम सारे लोगों को फंसाया गया है।
सर्वविदित है अगर उस दिन हम लोग कांग्रेस में चले गए होते और जो दबाव था चुनाव लड़ने का। बंधु तिर्की ने इंडिपेंडेंट फाइट किया था लोकसभा के लिए, जिसके चलते कांग्रेस सत्ता से उस में बैठी थी। अजय माकन उस समय यहां के इंचार्ज हुआ करते थे और उन्होंने एन केन प्रकारेण हमको और बंधु तिर्की जी को उस समय हम को सीबीआई में एफआईआर करवाने का काम किया था। हर एक पंडित इस बात को जानता है। न्याय के मंदिर से हम सबको पूरी उम्मीद है।