[Team Insider] झारखंड मुक्ति मोर्चा की विधायक सीता सोरेन और लोबिन हेंब्रम के बयान के बाद झारखंड में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि सरकार पर संकट है। हालांकि सत्ताधारी दल कांग्रेस कोटे से वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने शनिवार को कांग्रेस स्टेट क्वार्टर में जेएमएम विधायक सीता सोरेन के बयानों को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी। साथ ही कांग्रेस के विधायकों के एकजुट होने का दावा भी किया।
कन्फ्यूजन का माहौल बनाना चाहती है बीजेपी
वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने सीता सोरेन के बीजेपी से संपर्क के मामले पर कुछ भी कहने से इनकार किया। हालांकि उन्होंने कहा कि बीजेपी कन्फ्यूजन का माहौल बनाना चाहती है। लेकिन कांग्रेस के विधायक एकजुट है। गठबंधन के नेता हेमंत सोरेन पर सवाल उठ रहे है। इसको लेकर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री गठबंधन के नेता है और उनकी पार्टी के विधायक की चर्चा हो रही है। उस पर कांग्रेस का कुछ भी टिप्पणी देना उचित नहीं होगा।
जमीन लूट के आरोप में कोई दम नहीं
हालांकि सीता सोरेन के जमीन लूट के बयान पर उन्होंने कहा कि वह सरकार में है। इस लिए कह सकते है कि इन आरोपों में कोई दम नहीं है। बिना आधार के आरोप है। जमीन की लूट नहीं हो रही है। बल्कि सरकारी जमीन पर किये गए अवैध कब्जे की मापी की जा रही है। ये नजायज नहीं है।
पदाधिकारियों पर आरोप लगाना है आसान
वही सीता सोरेन के भ्रष्ट अधिकारियों को सरकार का संरक्षण देने के बयान को लेकर उन्होंने कहा कि अगर वह किसी को भ्रष्ट बता रही हैं। तो उसको बताना चाहिए कि वह पदाधिकारी कौन है और किस कारण से भ्रष्ट हैं। सरकारी पदों में आसीन किसी को भ्रष्ट कह देना आसान है। लेकिन भ्रष्टाचार को रोकने के लिए विजिलेंस, सीबीआई जैसे संस्थान बने हुए हैं।उन्हें लिख कर देना चाहिए कि यह पदाधिकारी भ्रष्ट है और वह पैसे लेकर काम कर रहे है।
अलग विचार के व्यक्ति हैं रामेश्वर उरांव
इसके साथ ही लोबिन हेंब्रम 1932 खतियान के आधार पर स्थानीय नीति को लेकर कार्यक्रम चलाने की तैयारी में है।ऐसे में अगर वह रामेश्वर उरांव को न्योता देते हैं। तो रामेश्वर उरांव का क्या रुख होगा। इस सवाल पर उन्होंने कहा कि रामेश्वर उरांव अलग विचार के आदमी है। अलग-अलग समय में अलग-अलग जिलों में सर्वे हुआ था। मुख्यमंत्री ने भी कहा कि स्टडी करेंगे। पूरी बात यही है कि यहां की जमीन में बसे लोग झारखंडी है, स्थानीय है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि बाद में जो ट्राइबल जमीन लेकर बसे हैं। वह नाजायज ढंग से लिया गया है।
डीसी से परमिशन लिया है तो सही है
उन्होंने कहा कि आदिवासी की जमीन को डीसी से परमिशन लेकर ट्रांसफर कराना होता है। जमीन अगर डीसी से परमिशन लेकर ली गयी हैं, तो ठीक है। लेकिन जो कानून को तोड़ मरोड़ कर जमीन लिए हैं। वह नाजायज हैं।
अभी एविडेंस नहीं है इस लिए नहीं बोलूंगा
इसके साथ ही बन्ना गुप्ता का रघुवर दास के साथ तस्वीर को लेकर उन्होंने कहा कि सभी का सामाजिक संबंध रहता है। वहीं भाजपा का सरकार को अस्थिर करने के मामले पर उन्होंने कहा कि भाजपा शुरू से ही सरकार को अस्थिर करने में लगी हुई है। जब वह अध्यक्ष थे। तब उनके पास एविडेंस था और तब उन्होंने कहा था कि भाजपा सरकार तोड़ने में लगी हुई है। अभी एविडेंस नहीं है। इसलिए अभी वह कुछ नहीं बोल सकते है।