[Team insider] “गर्मी के दस्तक के साथ ही राजधानी रांची में पानी की समस्या शुरू हो जाती है। लोग बूंद-बूंद पानी को तरसते हैं। लेकिन जब राज्य के मुख्यमंत्री आवास से महज 2 किलोमीटर के दायरे में आने वाले लोगों को भी पानी नसीब ना हो तो इसे क्या कहेंगे। कुछ ऐसा ही हाल सीएम आवास से महज 2 किलोमीटर दूरी पर स्थित हथिया गोंदा गांव की है जहां 250 परिवारों के लिए सिर्फ एक चापाकल है। जिससे लोग पीने के पानी के लिए इस्तेमाल करते हैं। जब यह स्थिति राजधानी रांची की है तो सुदूर गांव की क्या स्थिति होगी। इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। इसका जायजा इनसाइडर लाईव के संवाददाता ने लिया।”
250 परिवारों के लिए सिर्फ एक चापाकल
बता दें कि हथिया गोंदा गांव कांके थाना क्षेत्र में पड़ता है, जहां 200 से लेकर 250 आदिवासी परिवार रहते हैं। इन परिवारों के लिए पीने के पानी का सहारा सिर्फ एक चापाकल है, जहां पीने के लिए दिनभर भारी भीड़ लगी रहती है। वहीं लोगों का कहना है कि एक चापाकल रहने के कारण काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, लेकिन अभी तक यहां के न तो विधायक और ना ही पार्षद ने अभी तक इसकी कोई सुध ली है। झारखंड के लिए जल जीवन मिशन के तहत 9,544 करोड़ रुपये की योजनाएं स्वीकृत की गई है।
शौच के लिए बाहर जाने को हैं विवश
वहीं केंद्र सरकार द्वारा स्वच्छ भारत मिशन के तहत हर घरों में शौचालय की योजना चल रही है, लेकिन राजधानी रांची में ही लोग शौच के लिए बाहर जाने को विवश हैं। वहीं इस पर लोगों ने कहा कि यहां शौचालय के लिए भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। क्योंकि यहां अभी तक एक भी शौचालय नहीं रहने के कारण लोग खुले में शौच करने के लिए विवश हैं। ऐसे में स्वच्छ भारत मिशन योजना लोगों के लिए कितनी सार्थक साबित हो रही है इससे अंदाजा लगाया जा सकता है।