रांची: झारखंड में पिछले पांच दिनों से हो रही लगातार भारी बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। राज्य के कई जिलों में नदियां उफान पर हैं, जिसके कारण बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। इस आपदा में अब तक चार लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें तीन बच्चे शामिल हैं, जबकि 13 लोग घायल बताए जा रहे हैं। कई पुल टूट गए हैं, वाहन पानी में फंस गए हैं, और सड़कें जलमग्न हो जाने से संपर्क मार्ग बाधित हो गए हैं।
मौसम विभाग का रेड अलर्ट
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने आज झारखंड के रांची, खूंटी, लोहरदगा, सिमडेगा, गुमला और दक्षिण छोटानागपुर मंडल के कई हिस्सों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। पांच दिनों से जारी मूसलाधार बारिश के कारण नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। मौसम विभाग के अनुसार, यह बारिश मौसमी पैटर्न से कहीं अधिक तीव्र है, जो जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को दर्शाता है।
प्रभावित क्षेत्र और घटनाएं
- चाईबासा: चक्रधरपुर में मिट्टी का घर ढहने से एक महिला की मौत, तीन बच्चे घायल।
- रांची: तमाड़ में घर गिरने से छह साल की बच्ची की मौत।
- खूंटी: मुरहू में निर्माणाधीन कुएं में दो नाबालिग बच्चे दब गए, तोरपा-सिमडेगा रोड पर पुल धंस गया।
- जमशेदपुर: टाटा-रांची मार्ग जलमग्न, कई गाड़ियां डूबी, आशियाना वुडलैंड में नाव से रेस्क्यू।
- रामगढ़: भैरवी नदी उफान पर, छिलका पुल के ऊपर से पानी बह रहा है।
- हजारीबाग: सियाराम बस दुर्घटना में 10 घायल, तीन की हालत गंभीर।
राज्य प्रशासन ने बचाव कार्य तेज कर दिया है। फंसे हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है, जबकि एनडीआरएफ और स्थानीय टीमों को अलर्ट पर रखा गया है। अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि वे अनावश्यक रूप से घरों से बाहर न निकलें और जलमग्न या खतरनाक रास्तों से बचें।
जर्नल ऑफ क्लाइमेट (2022) में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, जलवायु परिवर्तन के कारण दक्षिण एशिया में मॉनसून की तीव्रता बढ़ रही है, जिससे इस तरह की बाढ़ और तबाही की घटनाएं आम हो रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि पिघलते हिमनद और बदलते वर्षा पैटर्न इस संकट को और गंभीर बना रहे हैं।
यह आपदा झारखंड के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है, और प्रशासन के साथ-साथ स्थानीय लोगों को मिलकर इस संकट से निपटना होगा। स्थिति पर नजर रखी जा रही है, और आगे की अपडेट के लिए बने रहें।