[Team insider] पलामू के नावाबाजार के निलंबित थानेदार लालजी यादव की मौत मामले(Lalji Yadav Death Case) की जांच सीबीआई(CBI) से करवाने की मांग को लेकर झारखंड उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर शुक्रवार को की गयी थी। हाईकोर्ट में जनहित याचिका अनुरंजन अशोक द्वारा की गयी थी, जिसमें लालजी यादव की मृत्यु को संदेहास्पाद बताते हुए सीबीआई जांच की मांग की गयी थी। जिसके बाद याचिककर्ता को जान से मारने की धमकी मिली।
गोली मारने की दी धमकी
धमकी बीते 21 जनवरी को करीब 3:41 पर फोन कर दी, जिसमें अपना नाम मोहम्मद आलम बताया। वहीं अपना परिचय अपराधी के रूप में दिया और कहा कि मैं कल ही जेल से बाहर आया हूं। अगर मेरे रांची आने तक तुमने मंत्री जी के विरुद्ध जनहित याचिका वापस नहीं ली तो तुम्हें गोली मार देंगे। तुम्हारे पास 1 दिन का समय है। जिसके बाद पुंदाग थाना में शिकायत दर्ज काराया गया। वहीं आवेदन मिलने के बाद पुंदाग थाना प्रभारी इस पूरे मामले की गंभीरता से जांच कर रहे हैं।

परिजनों को लगातार मिल रही है धमकी
रांची के रहने वाले अनुरंजन अशोक ने लालजी यादव मामले को संदेहास्पद बताते हुए हाईकोर्ट में PIL दाखिल की थी। याचिका में कहा गया था कि लालजी यादव की मृत्यु के बाद हाईकोर्ट में क्रिमिनल रिट दाखिल करने वाले लालजी यादव के भाई और पलामू एसपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने वाले उनके परिजनों को लगातार धमकी मिल रही थी और केस उठाने के लिए दबाव बनाया जा रहा है।
विरोध प्रमुख वजह है खनिज की लूट
याचिका में यह भी कहा गया है कि इस पूरी घटना के पीछे कोयला और खनिज की लूट का विरोध प्रमुख वजह है। प्रार्थी ने राज्य सरकार के मंत्री मिथिलेश ठाकुर, उनके भाई, पलामू एसपी, डीटीओ और एसडीपीओ को पार्टी बनाया है और उक्त सभी की संपत्ति की जांच की भी मांग अदालत से की गई है।