बिहार की राजनीति में एक बार फिर तीखी बहस छिड़ गई है। हम पार्टी के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान पर करारा हमला बोला है। मांझी ने चिराग के राजनीतिक अनुभव पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्हें अपने पिता स्व. रामविलास पासवान की विरासत को बेहतर ढंग से समझने की जरूरत है।
मांझी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि चिराग पासवान का राजनीतिक कद अभी बहुत छोटा है। उनके पिता का राजनीति में बड़ा कद और गहरा अनुभव था। चिराग अभी राजनीति में नए हैं और उन्हें राज्य की स्थिति को ठीक से समझने की जरूरत है।
बिहार की कानून व्यवस्था पर तीखा प्रतिवाद
चिराग पासवान के आरोपों का जवाब देते हुए मांझी ने कहा कि बिहार की लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति अब उतनी खराब नहीं है, जितनी 2005 से पहले थी। पहले तो अपराधी मुख्यमंत्री आवास तक चले जाते थे और समझौता कर छूट जाते थे। उन्होंने आगे जोड़ा कि आज त्वरित कार्रवाई होती है, और कई मामलों में एनकाउंटर तक हो रहे हैं।
मांझी ने चिराग को याद दिलाया कि 2020 के विधानसभा चुनाव के समय भी उन्होंने ऐसे ही प्रयास किए थे, लेकिन उसका कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकला। इस बयान से साफ झलकता है कि एनडीए के भीतर चिराग पासवान की शैली और बयानबाजी को लेकर असहजता है।
गठबंधन की राजनीति पर बात करते हुए मांझी ने बताया कि जुलाई में एनडीए की बैठक होने वाली है, और 15 अगस्त तक सीट शेयरिंग का मामला सुलझा लिया जाएगा। उन्होंने चिराग को नसीहत दी है कि गठबंधन के भीतर किसी भी मुद्दे को उठाने का उचित मंच एनडीए की बैठक होती है, न कि मीडिया।
हाल ही में गया में हुई घटना पर मांझी ने स्पष्ट किया कि पुलिस प्रशासन मामले में त्वरित कार्रवाई कर रहा है। उन्होंने कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और पीड़ित परिवार को हरसंभव मदद दी जाएगी।