केंद्रीय मंत्री और हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के सुप्रीमो जीतनराम मांझी से जुड़ा एक वीडियो (Jitan Ram Manjhi Viral Video) सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है, जिसने सत्ता और विपक्ष के बीच नई बहस छेड़ दी है। वीडियो को लेकर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने गंभीर आरोप लगाए हैं, जबकि खुद मांझी ने इसे सिरे से खारिज करते हुए छेड़छाड़ का दावा किया है। अब इस विवाद में प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी की एंट्री ने सियासी तापमान और बढ़ा दिया है।
दरअसल, वायरल वीडियो में जीतनराम मांझी कथित तौर पर एक सार्वजनिक मंच से संबोधन करते नजर आ रहे हैं। आरजेडी ने इस वीडियो को साझा करते हुए दावा किया कि मांझी खुले मंच से चुनाव नतीजों में हेराफेरी के कथित फॉर्मूले का जिक्र कर रहे हैं। पार्टी का आरोप है कि वीडियो में यह बताया गया है कि 2020 के विधानसभा चुनाव में 2700 वोटों से हार के बावजूद एक आईएएस अधिकारी की मदद से जीत हासिल की गई। इस दावे ने न सिर्फ सियासी हलकों में हलचल मचा दी, बल्कि सोशल मीडिया पर भी तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं।
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विवाद बढ़ने के बाद केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने सोशल मीडिया के जरिए अपना पक्ष रखा। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि वायरल वीडियो के साथ छेड़छाड़ की गई है और इसे जानबूझकर गलत संदर्भ में फैलाया जा रहा है। मांझी के इस बयान के बाद मामला ठंडा पड़ने के बजाय और तेज हो गया, क्योंकि विपक्ष ने उनके दावे पर सवाल उठाने शुरू कर दिए।
इसी कड़ी में जन सुराज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मनोज भारती ने सीधे तौर पर जीतनराम मांझी को चुनौती दे दी। उन्होंने कहा कि अगर वीडियो वास्तव में एडिट किया गया है, तो मांझी को बिना छेड़छाड़ वाला असली वीडियो सार्वजनिक करना चाहिए, ताकि सच सामने आ सके। भारती ने तंज कसते हुए कहा कि असली वीडियो सामने आ जाए तो विरोधियों के आरोप अपने आप दम तोड़ देंगे।
मनोज भारती ने यह भी जोड़ा कि जीतनराम मांझी केंद्र सरकार में मंत्री हैं, ऐसे में उनके पास जांच कराने की पूरी ताकत और अधिकार है। उन्होंने मांग की कि या तो तत्काल इस मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए या फिर मूल वीडियो जनता के सामने रखा जाए, जिससे लोगों के बीच फैले भ्रम को दूर किया जा सके।






















