रांची : गलत जाति प्रमाण पत्र देने के कारण जेपीएससी सेकेंड बैच के अफसर कानू राम नाग को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। इसे लेकर कार्मिक ने आदेश भी जारी कर दिया है। बता दे नाग ने सेकेंड जेपीएससी में मुंडा जाति का प्रमाण पत्र देकर नौकरी हासिल की थी। वहीं वे तमाड़िया जाति से हैं बता दें तमाड़िया अत्यंत पिछड़ा वर्ग की श्रेणी में आता है। परंतु जाति छानबीन समिति का प्रतिवेदन में प्रतिवेदित किया गया था कि तमाड़िया को मुंडा उपजाति के रूप में होने का प्रमाण है। इस कारण कानू राम नाग तमाड़िया जाति का सदस्य होने के नाते मुंडा जनजाति की अर्हता रखते हैं। इस आधार पर कानू राम नाग को निलंबन मुक्त भी किया गया। इस मामले में विभागीय समीक्षा में पाया गया कि मुंडा की अनेक उपजातियों में से संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश-1950 के तहत मुंडा एवं महली क्रमांक-24 एवं 22 पर अनुसूचित जनजाति के रूप में घोषित है। वर्ष 2003 में मुंडा के बाद पातर को सम्मिलित किया गया है। मुंडा की अन्य उपजातियों, जो सूची में सूचीबद्ध नहीं है, वह संविधान के अनुसार अनुसूचित जनजाति नहीं है। वहीं यह भी स्पष्ट किया गया कि सेकेंड जेपीएससी परीक्षा के अधिसूचना प्रकाशन एवं राज्य सरकार में नाग के योगदान तिथि तक तमाड़िया जाति अनुचित जनजाति के सूची में शामिल नहीं है। उनके द्वारा फर्जी तरीके से इसे मुंडा जाति के उपजाति बता कर अनुचित जनजाति का प्रमाण पत्र प्राप्त किया गया है।
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