नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने एक बड़े जासूसी नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। पंजाब और हरियाणा से गिरफ्तार किए गए दो यूट्यूबर्स, जसबीर सिंह और ज्योति मल्होत्रा, को अब आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की जाएगी। इस कार्रवाई से पाकिस्तान की कथित जासूसी गतिविधियों को दुनिया के सामने बेनकाब करने की तैयारी है।
NIA की जांच में सामने आया है कि जसबीर सिंह और ज्योति मल्होत्रा के पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के अधिकारियों, सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसरों और एक रिटायर्ड पाकिस्तानी सब-इंस्पेक्टर नासिर ढिल्लों से सीधे संपर्क थे। इनमें लाहौर स्थित टूर एंड ट्रैवल बिजनेस से जुड़ी एक संदिग्ध ISI एजेंट नौशाबा भी शामिल है, जिसने दोनों को ISI अधिकारियों से जोड़ा। जांच एजेंसियों के पास दोनों के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं, जिनमें डिजिटल संचार और संपर्कों का विवरण शामिल है।
जांच में पता चला है कि जसबीर सिंह ने अपने मोबाइल से कई संपर्क, चैट और महत्वपूर्ण जानकारी को डिलीट करने की कोशिश की थी। पुलिस ने उसका मोबाइल फोरेंसिक विश्लेषण के लिए भेजा है ताकि डिलीट किए गए डेटा को पुनः प्राप्त किया जा सके और उसके हाल के संपर्कों का पता लगाया जा सके। पंजाब पुलिस के DGP के अनुसार, ज्योति मल्होत्रा की गिरफ्तारी के बाद जसबीर ने अपने सभी सबूत मिटाने की कोशिश की थी।
हरियाणा पुलिस ने ज्योति मल्होत्रा के संपर्क में रहे करीब पांच अन्य सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और यूट्यूबर्स की पहचान की है। इन सभी को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया गया है। यह खुलासा दर्शाता है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को जासूसी के लिए कैसे इस्तेमाल किया जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रैवल व्लॉगिंग जैसे कंटेंट के बहाने संवेदनशील सैन्य जानकारी एकत्र की जा सकती है।
यह मामला 2016 के पठानकोट हमले की याद दिलाता है, जहां हमलावरों के पाकिस्तानी हैंडलर्स से संपर्क की बात सामने आई थी। हालाँकि, उस समय ठोस सबूत नहीं मिले थे। अब इस नेटवर्क के उजागर होने से भारत की सुरक्षा एजेंसियों ने साइबर जासूसी पर नई रणनीति बनाने की शुरुआत की है।
ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन की 2023 की एक रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण एशिया में डिजिटल जासूसी के प्रयासों में 40% की वृद्धि हुई है। इस मामले से यह स्पष्ट होता है कि सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर केवल मनोरंजन तक सीमित नहीं, बल्कि खुफिया गतिविधियों में भी शामिल हो सकते हैं।
NIA की यह कार्रवाई भारत-पाकिस्तान संबंधों में एक नया मोड़ ला सकती है, क्योंकि इस जासूसी नेटवर्क के खुलासे से दोनों देशों के बीच कूटनीतिक तनाव और बढ़ सकता है। जांच जारी है, और आने वाले दिनों में और बड़े खुलासों की उम्मीद है।