तमिलनाडु के करूर (Karur Stampede) में शनिवार शाम को हुआ हादसा पूरे देश के लिए एक गहरा सदमा बनकर सामने आया। अभिनेता से नेता बने विजय की पार्टी तमिलगा वेट्ट्री कझगम (TVK) की मेगा रैली के दौरान मची भगदड़ ने अब तक 39 लोगों की जान ले ली है। मरने वालों में 17 महिलाएं, 13 पुरुष, 4 बच्चे और 5 बच्चियां शामिल हैं। यह त्रासदी न केवल पीड़ित परिवारों बल्कि राज्य की राजनीति और प्रशासनिक जिम्मेदारियों पर भी सवाल खड़ा कर रही है।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हादसे को गहरी संवेदना के साथ लेते हुए मृतकों के परिवारों को प्रधानमंत्री राहत कोष से दो-दो लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है। वहीं, विजय ने खुद हादसे पर शोक जताते हुए कहा कि यह उनके जीवन का सबसे दुखद दिन है। उन्होंने मृतकों के परिजनों को 20 लाख रुपये और घायलों को दो लाख रुपये मुआवजे का ऐलान किया।
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इस हादसे के बाद प्रशासनिक और राजनीतिक हलकों में जिम्मेदारी तय करने को लेकर तीखी बहस छिड़ गई है। पुलिस ने मामले में गंभीरता दिखाते हुए टीवीके के दो शीर्ष नेताओं पर गैर इरादतन हत्या (IPC 304) का केस दर्ज किया है। वहीं, राज्य के उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन ने स्पष्ट कहा कि इतनी बड़ी भीड़ को संभालने की जिम्मेदारी रैली आयोजकों की होती है और लापरवाही की वजह से यह त्रासदी हुई।
















