अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सबसे करीबी और भरोसेमंद सहयोगियों में से एक, भारतीय मूल के काश पटेल, को फेडरल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन (FBI) का नया निदेशक नियुक्त किया गया है। इस नियुक्ति पर अमेरिकी सीनेट ने अपनी मुहर भी लगा दी है। सीनेट ने 51-49 के मतों से काश पटेल की नियुक्ति को मंजूरी दी, जिससे उनका FBI का निदेशक बनना आधिकारिक हो गया।
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काश पटेल ने सीनेट की पुष्टि सुनवाई के दौरान FBI के राजनीतिकरण और प्रतिशोधी कार्रवाई से इनकार किया और दावा किया कि वह किसी भी राजनीतिक एजेंडे को बढ़ावा नहीं देंगे। इसके अलावा, उन्होंने डेमोक्रेट्स पर आरोप लगाया कि उन्होंने उनके पुराने बयानों को तोड़-मरोड़कर पेश किया था।
काश पटेल का जन्म अमेरिका में हुआ था, लेकिन उनके पूर्वज गुजरात से ताल्लुक रखते हैं। कानून की पढ़ाई के बाद उन्होंने वकील के रूप में अपना करियर शुरू किया और फिर हाउस इंटेलिजेंस कमेटी के स्टाफ के तौर पर काम किया। डोनाल्ड ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाईं, जिसमें रक्षा विभाग में चीफ ऑफ स्टाफ का पद भी शामिल था। 44 वर्षीय काश पटेल का पूरा नाम कश्यप प्रमोद पटेल है।
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उनकी नियुक्ति पर विवाद भी रहे हैं। ट्रंप प्रशासन के दौरान काश पटेल पर आरोप लगे थे कि उन्होंने अपनी सरकारी भूमिका का गलत उपयोग करते हुए राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने की कोशिश की थी। इसके अतिरिक्त, ट्रंप ने काश पटेल को CIA या FBI का डिप्टी डायरेक्टर बनाने की योजना बनाई थी, ताकि वह इंटेलिजेंस एजेंसियों पर अपनी पकड़ मजबूत कर सकें। हालांकि, CIA निदेशक जीना हैस्पेल और अटॉर्नी जनरल बिल बैर ने इसका विरोध किया था, क्योंकि काश पटेल के पास इन एजेंसियों का संचालन करने का कोई अनुभव नहीं था। अंततः ट्रंप को अपना इरादा बदलना पड़ा था।