केसरिया विधानसभा सीट की बिहार विधानसभा में सीट क्रम संख्या 15 है. यह विधानसभा क्षेत्र पूर्वी चंपारण जिले में पड़ता है और यह पूर्वी चंपारण (लोकसभा) निर्वाचन क्षेत्र का ही एक हिस्सा भी है. 2008 में परिसीमन आयोग की सिफारिश के बाद केसरिया विधानसभा सीट में उत्तरी बरियरिया, पश्चिमी मधुबनी, उत्तरी मधुबनी, दक्खिनी मधुबनी, पूर्वी मधुबनी और बरियरिया समेत कई क्षेत्रों को शामिल किया गया.
राजनीतिक इतिहास
1952 में अस्तित्व में आयी केसरिया विधानसभा सीट पर कभी सीपीआई का कब्ज़ा रहा. 1952 के उप-चुनाव समेत अब तक इस विधानसभा सीट पर 18 बार वोट डाले गए हैं. इन चुनावों में 6 बार सीपीआई, पांच बार कांग्रेस, दो बार राजद, एक-एक बार भाजपा, जदयू, समता पार्टी और जनता पार्टी को जीत मिली है. सबसे अधिक बार इस सीट पर जीत हासिल करने वाली सीपीआई यहां आखिरी बार 1995 में जीती थी. 2010 में पहली बार यहां कमल खिला और भाजपा प्रत्याशी सचिन्द्र प्रसाद सिंह ने यहां जीत दर्ज की. वर्तमान में इस सीट पर जदयू का कब्ज़ा हैं.
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केसरिया विधानसभा सीट एक समय सीपीआई का मजबूत किला रहा. पूर्वी चंपारण जिले की आने वाली इस सीट पर वर्तमान में जदयू का कब्जा है. 2020 में हुए चुनाव में जदयू प्रत्याशी शालिनी मिश्रा यहां से विधायक बनी. वही 2015 के विधानसभा चुनाव में राजद के राजेश कुमार ने भाजपा के राजेंद्र गुप्ता को करीब 16 हजार वोट से हराया था. अक्टूबर 2005 में भी राजेश कुमार राजद के टिकट पर यहां से विधायक चुने गए थे.
2010 में पहली बार भाजपा के टिकट पर यहां से सचींद्र सिंह ने जीत दर्ज की थी. 2000 और फरवरी 2005 के चुनावों में अब्दुल्ला जीते थे. 2000 में समता पार्टी के टिकट पर और 2005 में जदयू के टिकट उन्होंने चुनाव लड़ा था. केसरिया सीट से सीपीआई के पीतांबर सिंह लगातार चार बार और यमुना यादव लगातार दो बार चुनकर विधानसभा पहुंचे थे.
पिछले चुनाव के नतीजे
2020 में हुए विधानसभा चुनाव में केसरिया विधानसभा सीट पर जदयू की शालिनी मिश्रा ने जीत दर्ज की उन्हें 40,219 (26.59%) वोट मिला, वही दूसरे नंबर पर रहे लोजपा के राम शरण यादव को 18904(12.5%) वोट मिला। इस चुनाव में राजद प्रत्याशी तीसरे नंबर पर रहे थे. 2020 में इस सीट पर कुल 56.5% वोटिंग हुई थी.
2015 में हुए विधानसभा चुनाव की बात करे तो रजत के राजेश कुमार ने जीत दर्ज की, उन्हें 62,902 (47.55%) वोट मिला, जबकि दूसरे नंबर पर रहे भाजपा के राजेंद्र प्रसाद गुप्ता को 46,955 (35.49%) वोट मिला। 2015 में इस सीट पर कुल 54.93% वोटिंग हुई.
2010 में केसरिया विधानसभा सीट पर भाजपा के सचिन्द्र प्रसाद सिंह ने जीत दर्ज की. उन्हें 34,649 (36.67%) वोट मिला, वही दूसरे नंबर पर रहे CPI के राम शरण प्रसाद को 22,966 (24.31%)वोट मिला। इस चुनाव में लोजपा के महेश्वर सिंह तीसरे स्थान पर रहे. 2010 में इस सीट पर 50.77% वोटिंग हुई.
जातीय समीकरण:
केसरिया विधानसभा सीट पर मुस्लिम और यादव बड़ी संख्या में हैं. इसलिए यहां एमवाई समीकरण का जादू चलता रहा रहा और ये आरजेडी के पाले में गिरता है. इसके अलावा कोइरी, राजपूत और ब्राह्मण भी निर्णायक भूमिका में हैं. 2015 के विधानसभा चुनाव में यहां 55% वोटिंग हुई थी, जो 2010 से 5% ज्यादा थी. पिछले चुनाव में यहां महिलाओं का वोटिंग प्रतिशत पुरुषों के मुकाबले 12% ज्यादा रहा था.
जनसंख्या:
केसरिया विधानसभा में एससी मतदाताओं की संख्या लगभग 30,522 है जो 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 11.4% है। एसटी मतदाताओं की संख्या लगभग 937 है जो लगभग 0.35% है। मुस्लिम मतदाताओं की संख्या लगभग 37,215 है जो मतदाता सूची विश्लेषण के अनुसार लगभग 13.9% है। वही, ग्रामीण मतदाताओं की संख्या लगभग 254,373 है जो लगभग 95.01% है। जबकि, शहरी मतदाताओं की संख्या लगभग 13,360 है जो लगभग 4.99% है।






















