खगड़िया के गौछारी रेलवे स्टेशन के लिए बुधवार का दिन ऐतिहासिक बन गया, जब 25 वर्षों की लंबी प्रतीक्षा और संघर्ष के बाद आखिरकार कटिहार-पटना इंटरसिटी एक्सप्रेस का ठहराव यहां शुरू हुआ। गणेश चतुर्थी के शुभ अवसर पर इस नई सुविधा की शुरुआत होते ही पूरे इलाके में उत्सव का माहौल छा गया। हजारों की भीड़ स्टेशन पर जुटी और लोग खुशी से झूम उठे। जैसे ही खगड़िया सांसद राजेश वर्मा ने ट्रेन को लाल झंडी दिखाकर ठहराव की औपचारिक शुरुआत की, स्टेशन परिसर “खगड़िया का सांसद कैसा हो, राजेश वर्मा जैसा हो” के नारों से गूंज उठा।

सांसद राजेश वर्मा ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि यह ठहराव केवल सुविधा भर नहीं, बल्कि दशकों से वंचित लोगों के संघर्ष की जीत है। उन्होंने बताया कि गौछारी के लोगों ने कई बार धरना, प्रदर्शन और अनशन कर यह मांग उठाई थी, जिसे साकार करने के लिए उन्होंने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से लगातार बातचीत की और अंततः यह सपना पूरा हुआ। इस अवसर पर स्थानीय प्रतिनिधियों और संघर्ष समिति के सदस्यों ने भी इसे ऐतिहासिक उपलब्धि करार दिया और सरकार व सांसद का आभार जताया।
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गौछारी रेलवे स्टेशन का इतिहास भी संघर्ष और सामूहिक प्रयासों से भरा रहा है। वर्ष 2000 में समाजवादी नेता दिवंगत विशेश्वर प्रसाद के प्रयासों से तात्कालीन रेल मंत्री रामविलास पासवान ने इसे हॉल्ट का दर्जा दिया था। ग्रामीणों ने श्रमदान और चंदा इकट्ठा कर ट्रैक पर मिट्टी भराई थी, जिसके बाद राजस्व बढ़ने पर यह हॉल्ट स्टेशन में तब्दील हो गया। अब इंटरसिटी एक्सप्रेस के ठहराव ने इस स्टेशन के महत्व को और बढ़ा दिया है।

गौछारी पंचायत की करीब 20 हजार आबादी और आसपास के इलाकों को मिलाकर लगभग 30 हजार लोगों को इस फैसले से सीधा फायदा मिलेगा। मजदूरों और छात्रों के लिए यह सुविधा बड़ी राहत साबित होगी, जिन्हें अब तक 25 किलोमीटर दूर जाकर एक्सप्रेस ट्रेन पकड़नी पड़ती थी। पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, टाटानगर और अमृतसर जैसे शहरों में रोज़गार के लिए जाने वाले मजदूर अब सीधे अपने गांव से ही यात्रा कर पाएंगे। छात्रों और कामकाजी लोगों के लिए भी यह सुविधा समय और खर्च दोनों बचाएगी।






















