नई दिल्ली: केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने 8 मई, 2025 को सुबह 11 बजे नई दिल्ली के संसद पुस्तकालय भवन में सर्वदलीय बैठक बुलाने की घोषणा की है। यह बैठक संसद परिसर के समिति कक्ष G-074 में आयोजित होगी। यह घोषणा ऐसे समय में आई है जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है, खासकर हाल ही में भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ और बढ़ता तनाव
‘ऑपरेशन सिंदूर’ को भारतीय सेना ने 7 मई, 2025 को अंजाम दिया, जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर (PoJK) में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। यह कार्रवाई 22 अप्रैल, 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम के बैसरण वैली में हुए आतंकी हमले का जवाब थी, जिसमें 26 पर्यटकों की मौत हो गई थी। इस हमले में ज्यादातर हिंदू पर्यटक निशाना बने थे, हालांकि एक ईसाई पर्यटक और एक स्थानीय मुस्लिम भी मारे गए थे। हमलावरों ने M4 कार्बाइन और AK-47 जैसे हथियारों का इस्तेमाल किया था।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ का नाम सिंदूर इस संदर्भ में मारे गए लोगों के लिए न्याय का प्रतीक माना जा रहा है। इस ऑपरेशन की निगरानी खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की। ऑपरेशन के तहत लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे प्रतिबंधित संगठनों से जुड़े आतंकी ठिकानों को नष्ट किया गया। सरकार के अनुसार, पिछले एक दशक में सीमा पार आतंकवाद के कारण 350 से अधिक भारतीय नागरिक मारे गए हैं और 800 घायल हुए हैं, जबकि 600 से अधिक सुरक्षाकर्मियों ने अपनी जान गंवाई है।
सर्वदलीय बैठक का मकसद
किरेन रिजिजू ने इस बैठक की घोषणा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर की। माना जा रहा है कि यह बैठक ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद उत्पन्न स्थिति और भारत-पाकिस्तान संबंधों पर चर्चा के लिए बुलाई गई है। बैठक में विपक्षी दलों के नेताओं को ऑपरेशन और इसके परिणामों की जानकारी दी जाएगी। इसके अलावा, पहलगाम हमले में सुरक्षा चूक को लेकर भी सवाल उठ सकते हैं, क्योंकि सरकार ने स्वीकार किया था कि बैसरण वैली को निर्धारित समय से दो महीने पहले बिना सुरक्षा बलों को सूचित किए पर्यटकों के लिए खोल दिया गया था।
संयम बरते दोनों राष्ट्र : चीन
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद चीन ने भारत और पाकिस्तान से ‘अधिकतम संयम’ बरतने की अपील की है, ताकि क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनी रहे। वहीं, पहलगाम हमले में अपने पिता को खोने वाली आरती ने इस ऑपरेशन का स्वागत किया है। उन्होंने कहा, “मैं भारतीय सेना, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार को सलाम करती हूं। यह कार्रवाई हमें कुछ राहत देगी।”
सर्वदलीय बैठक में इस संवेदनशील मुद्दे पर गहन चर्चा की उम्मीद है, क्योंकि भारत-पाकिस्तान संबंधों में तनाव और जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति इस समय देश के सामने सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है।