नई दिल्ली : केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने आज घोषणा की है कि सरकार ने संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से 12 अगस्त, 2025 तक बुलाने का फैसला किया है। यह सत्र विधायी कार्यों और महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा के लिए आयोजित किया जाएगा, जो आमतौर पर मानसून के दौरान होता है।
रिजिजू की इस घोषणा से यह स्पष्ट हो गया है कि सरकार आगामी विधायी सत्र में विभिन्न बिलों और प्रस्तावों पर विचार-विमर्श करने की योजना बना रही है। मानसून सत्र आमतौर पर बजट पारित करने, नीतियों पर बहस और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करता है।
पिछले वर्षों में, मानसून सत्रों को कभी-कभी समय से पहले समाप्त कर दिया गया है, लेकिन इस बार सरकार ने एक लंबी अवधि तय की है, जिससे यह संकेत मिलता है कि वे इस सत्र को उत्पादक बनाने के इरादे से आगे बढ़ रहे हैं।
यह सत्र न केवल विधायी कार्यों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह राजनीतिक दलों के बीच विचार-विमर्श और सहमति बनाने का भी एक अवसर प्रदान करता है। ऐसे में, यह देखना दिलचस्प होगा कि इस सत्र में कौन-कौन से महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए जाते हैं और उनकी क्या परिणति होती है।