आज 8 मार्च 2022 को पुरे विश्व में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women’s Day) मनाया जा रहा है। महिलाएं अब पुरुषों के साथ बरबराबरी ही नहीं कर रही बल्कि कई मामलों में पुरुषों से आगे भी निकल रही हैं। भारत में बरसों से पुरुषप्रधान समाज महिलायों को दबाने में लगा हुआ है, हालांकि अब स्थिति बदल गयी है। पहले पेशेवर ड्राइवर्स पुरुष हुआ करते थे जहां अब महिलाओं ने भी अपने कदम रख दिए है। वैसे इस फील्ड में अभी भी महिलाओं कि बहुत कम संख्या है।
प्रतिमा पोद्दार की हो रही चर्चा
पेशेवर ड्राइवर्स होना खास तौर पर छोटे शहरों में तो और भी ज्यादा मुश्किल है। ऐसे में अगर कोई महिला ड्राईवर बन कर वाहन चलाए तो लोग उसे बड़े ही आश्चर्य जताते है। ऐसी ही एक महिला प्रतिमा पोद्दार की एक चर्चा कोलकाता में खूब हो रही है। बताया जा रहा है कि प्रतिमा कोलकाता की इकलौती महिला बस ड्राइवर हैं। जो कि नीमता से हावड़ा रोजाना दो-तीन चक्कर लगाती हैं। वहीं पिछले 6 सालों में प्रतिमा से आज तक एक भी एक्सिडेंट नहीं हुआ है।
प्रतिमा से पहले उनके पति थे ड्राइवर
बता दें कि प्रतिमा से पहले उसके पति ड्राइवर थे। हालांकि एक हादसे ने उसने ड्राइविंग की क्षमता छीन ली। जिसके बाद से घर चलाने की पूरी जिम्मेदारी प्रतिमा पर आ गई। बताया जा रहा है कि प्रतिमा पहले से ही ड्राइविंग का काम कर रही थीं और एक एंबुलेंस चलाती थीं। उसके बाद वह एंबुलेंस छोड़ कर बस चलाने लगी। अब वह सुबह साढ़े तीन बजे घर से निकल जाया करती है।
बस चलाने की जिम्मेदारी
प्रतिमा ने बताया कि कि उनके पति अब बस नहीं चला सकते इसलिए उन्होंने बस चलाने की जिम्मेदारी उठा ली और इस बात पर उन्हें काफी गर्व है कि आज तक उनका एक भी एक्सिडेंट नहीं हुआ। साथ ही उन्होंने कहा मैं बाकी पुरुष ड्राइवरों कि तरह तेज बस चला सकती हूं, लेकिन मैं हमेशा पसेंजरों कि सुरक्षा का ध्यान रखती हूं। प्रतिमा ने आगे बतया कि शुरू-शुरू में ड्राइविंग के बारे में सोचना उन्हें काफी अजीब लगता था। लेकिन जब उनके पति एक हादसे का शिकार हुए उसके बाद उनके पास कोई विकल्प नहीं था और उन्हें बस का लोन भी चुकाना था। ऐसे हालत में प्रतिमा ने फैसला लिया कि वह एंबुलेंस छोड़ बस चलाएंगी।