विधानसभा चुनाव से पहले बिहार में मतदाता पुनरीक्षण को लेकर विपक्ष चुनाव आयोग पर हमलावर है। इसी कड़ी में बिहार कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अल्लावरु ने भाजपा पर निशाना साधा है। कल इंडी गठबंधन के प्रतिनिधि चुनाव आयोग से मुलाक़ात किये थे। आज दिल्ली में कांग्रेस ने उसी संदर्भ में एक प्रेस कांफ्रेंस की। मीडिया को संबोधित करते हुए बिहार चुनाव प्रभारी कृष्णा अल्लावरु ने कहा कि हमें चुनाव आयोग से थोड़ी बहुत उम्मीदें बची थीं, लेकिन कल के बाद वो भी खत्म हो गई।
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उन्होंने सीधे मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह सरकार तुगलकी फरमानों की सरकार है। इन्होंने कई तुगलकी फरमान जारी किए हैं- नोटबंदी, GST, लॉकडाउन, जब हमारी सेना पाकिस्तान पर भारी पड़ रही थी, तब सीजफायर और अब ‘वोट बंदी’। बिहार में जिस तरह से चुनाव से ठीक पहले वोटर लिस्ट का पुनरीक्षण किया जा रहा है, यह सीधे-सीधे तुगलकी फरमान है।
उन्होंने कहा कि मैं प्रधानमंत्री को चुनौती देता हूं कि इतिहास में कोई ऐसी मिसाल बता दें कि 1 महीने के अंदर 8 करोड़ लोगों को अपना प्रमाण देना पड़ा हो। ये वही 8 करोड़ लोग हैं, जिन्होंने लगभग 1 साल पहले लोकसभा में अपना मत डाला था। आखिर 12 महीने में ऐसा क्या हो गया कि बिहार के हर वोटर को नए तरीके से वोटर बनने का प्रमाण देना पड़ेगा।