पटना। कुशवाहा कल्याण परिषद, (Kushwaha Kalyan Parishad) बिहार के तत्वावधान में आयोजित 52वां पारिवारिक मिलन समारोह सह वनभोज कार्यक्रम रविवार को पटना में सामाजिक एकजुटता, राजनीतिक संवाद और भविष्य की रणनीति का बड़ा मंच बनकर उभरा। इस आयोजन में समाज के हजारों लोगों की मौजूदगी ने यह संकेत दिया कि कुशवाहा समाज अब केवल सांस्कृतिक आयोजनों तक सीमित नहीं रहना चाहता, बल्कि सत्ता, नीति और विकास की मुख्यधारा में अपनी निर्णायक भूमिका तय करने के मूड में है।

समारोह के मुख्य अतिथि उपमुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री सम्राट चौधरी ने अपने संबोधन में स्पष्ट शब्दों में कहा कि समाज की ताकत उसकी एकता में होती है। उन्होंने माना कि कुशवाहा समाज के समर्थन ने ही उन्हें आज उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री के रूप में काम करने का अवसर दिया है। उन्होंने कहा कि जब समाज किसी के पीछे मजबूती से खड़ा हो जाता है, तो प्रगति को कोई रोक नहीं सकता। सम्राट चौधरी ने यह भी संकेत दिया कि आने वाले दिनों में कुशवाहा समाज को सत्ता से जोड़कर विकास की रफ्तार और तेज की जाएगी। सब्जी उत्पादन, भंडारण और किसानों को बाजार से जोड़ने की योजनाओं पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि अब आधे-अधूरे समाधान से काम नहीं चलेगा, बिहार को ठोस और दीर्घकालिक व्यवस्था की जरूरत है।
पंचायती राज मंत्री दीपक प्रकाश ने समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में देश और बिहार में हो रहे विकास कार्यों को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि सामाजिक प्रगति की असली कुंजी शिक्षा है और कुशवाहा समाज को अपने बच्चों की पढ़ाई और कौशल विकास पर विशेष ध्यान देना होगा। उन्होंने समाज से अपने जनप्रतिनिधियों के पीछे संगठित होकर खड़े होने की अपील की, ताकि नीतियों और योजनाओं का लाभ जमीनी स्तर तक पहुंच सके।
कार्यक्रम में उपस्थित विधायकों और जनप्रतिनिधियों ने भी इसे केवल मिलन समारोह नहीं, बल्कि सामाजिक जागरूकता का अभियान बताया। कुशवाहा कल्याण परिषद के अध्यक्ष शंकर मेहता ने कहा कि परिषद का लक्ष्य समाज के उन वर्गों तक पहुंचना है जो अब भी विकास की दौड़ में पीछे छूटे हुए हैं। उन्होंने आने वाले पंचायत चुनावों में कुशवाहा समाज के प्रतिनिधित्व को बढ़ाने की रणनीति साझा करते हुए गांव-गांव संगठन को मजबूत करने की बात कही।
युवा अध्यक्ष अमन सिंह कुशवाहा ने अपने संबोधन में युवाओं की भूमिका पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि समाज का युवा अब अपने अधिकारों और जिम्मेदारियों को लेकर सजग हो चुका है। परिषद द्वारा संचालित कुशवाहा छात्रावास को उन्होंने सामाजिक सशक्तिकरण का बड़ा कदम बताया, जहां राज्य के विभिन्न जिलों से आए मेधावी छात्र निःशुल्क रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। यह पहल शिक्षा को सामाजिक परिवर्तन का हथियार बनाने की दिशा में अहम मानी जा रही है।
समारोह के दौरान समाज के नव निर्वाचित मंत्रियों, विधायकों और विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाले व्यक्तियों को भगवान प्रसाद स्मृति सम्मान से सम्मानित किया गया। स्वास्थ्य के क्षेत्र में सामाजिक जिम्मेदारी निभाते हुए डॉक्टरों द्वारा निःशुल्क चिकित्सीय परामर्श शिविर लगाया गया, वहीं व्यवसायियों ने अपने उत्पादों और सेवाओं की जानकारी साझा की। बच्चों के लिए आयोजित मेधा और खेलकूद प्रतियोगिताओं ने कार्यक्रम को पारिवारिक और उत्सवपूर्ण स्वरूप दिया।

उक्त अवसर पर कुशवाहा समाज के सर्वश्री संतोष मेहता, रूप नारायण मेहता, प्रह्लाद कुमा वर्मा, अमन सिंह कुशवाहा, सुर्य प्रकाश नारायण, राजकिशोर सिंह, मूरारी प्रसाद सिंह, अमर नाथ प्रसाद, घर्मश मेहता,, अनिल कुमार मेहता, पुनम मेहता, मिथलेश कुमार वर्मा, आचार्य मुन्ना प्रसान राजेन्द्र प्रसाद मेहता, अरविन्द कुमार सिंह, विशाल सत्यम, संजीत कुमार, सिंकू मेहता, डा० आलोव कुशवाहा, अरविन्द कुमार, सी ए, अखिलेश कुमार, संजय कुमार सिंह,शिव रत्न कुमार, शिव प्रकाश नारायण आदि ने समारोह को संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन नरेश मेहता ने किया।






















