नई दिल्ली : भारतीय वायुसेना (IAF) ने पुष्टि की है कि 21 मई 2025 को दिल्ली से श्रीनगर जा रही इंडिगो फ्लाइट 6E 214 को लाहौर एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) ने पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र में प्रवेश करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया। यह घटना उस समय हुई जब विमान पठानकोट के पास भयंकर ओलावृष्टि और अशांति (टर्बुलेंस) का सामना कर रहा था। इस दौरान विमान को गंभीर मौसम से बचने के लिए मार्ग बदलने की आवश्यकता थी, लेकिन पाकिस्तान ने अनुमति देने से मना कर दिया।
IAF सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तानी नागरिक उड्डयन प्राधिकरण द्वारा जारी NOTAM A0220/25, जो 23 मई 2025 की मध्यरात्रि (2359 बजे) तक प्रभावी था, में स्पष्ट रूप से कहा गया था कि “पाकिस्तान का हवाई क्षेत्र भारतीय पंजीकृत विमानों और भारतीय एयरलाइंस/ऑपरेटरों द्वारा संचालित/स्वामित्व वाले या पट्टे पर दिए गए विमानों, जिसमें सैन्य उड़ानें भी शामिल हैं, के लिए उपलब्ध नहीं है।” यह NOTAM भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव के बाद लागू किया गया था, जो अप्रैल 2025 में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से बढ़ गया था, जिसमें 26 पर्यटकों की मौत हो गई थी।
डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) की रिपोर्ट के अनुसार, इंडिगो का A321 नियो विमान (VT-IMD) 21 मई को दिल्ली से श्रीनगर के लिए उड़ान भर रहा था। यह विमान FL360 की ऊंचाई पर उड़ान भर रहा था, तभी पठानकोट के पास यह ओलावृष्टि और भारी अशांति में फंस गया। चालक दल ने मौसम से बचने के लिए उत्तरी क्षेत्र नियंत्रण (IAF) से बाईं ओर (अंतरराष्ट्रीय सीमा की ओर) मार्ग बदलने की अनुमति मांगी, लेकिन इसे मंजूरी नहीं दी गई। इसके बाद चालक दल ने लाहौर ATC से संपर्क कर उनके हवाई क्षेत्र में प्रवेश करने की अनुमति मांगी, लेकिन वहां से भी अनुमति नहीं मिली।
चालक दल ने पहले वापस लौटने का प्रयास किया, लेकिन वे तूफानी बादलों के करीब थे, इसलिए उन्होंने मौसम से बाहर निकलने के लिए सबसे छोटा रास्ता चुनते हुए श्रीनगर की ओर बढ़ने का फैसला किया। इस दौरान विमान को ओलावृष्टि और भारी अशांति का सामना करना पड़ा, जिसके कारण कई चेतावनियां सक्रिय हो गईं, जैसे कि ‘एंगल ऑफ अटैक फॉल्ट’, ‘ऑल्टरनेट लॉ प्रोटेक्शन लॉस्ट’, और ‘बैकअप स्पीड स्केल अनरिलायबल’। ऑटोपायलट बंद हो गया, और विमान की गति में व्यापक उतार-चढ़ाव देखा गया, जिसके परिणामस्वरूप अधिकतम परिचालन गति (VMO/MMO) और बार-बार स्टॉल चेतावनियां सक्रिय हुईं। विमान की उतरने की दर 8500 फीट प्रति मिनट तक पहुंच गई।
चालक दल ने विमान को मैन्युअल रूप से उड़ाया और ओलावृष्टि से बाहर निकलने तक स्थिति को संभाला। इसके बाद, सभी आवश्यक जांच (ECAM कार्रवाइयों) करने के बाद, चालक दल ने श्रीनगर ATC को ‘पैन पैन’ आपातकाल घोषित किया और रडार वेक्टर की मांग की। भारतीय वायुसेना ने तुरंत विमान को मार्ग परिवर्तन में सहायता प्रदान की, दिल्ली क्षेत्र से समन्वय किया, और लाहौर नियंत्रण की संपर्क आवृत्तियां प्रदान कीं। जब लाहौर ने अनुमति देने से इनकार कर दिया, तो IAF ने नियंत्रण वेक्टर और ग्राउंडस्पीड रीडआउट देकर विमान को श्रीनगर हवाई क्षेत्र में सुरक्षित लैंडिंग तक सहायता दी।
श्रीनगर में विमान की सुरक्षित लैंडिंग के बाद, निरीक्षण में पता चला कि विमान के नोज राडोम को नुकसान पहुंचा था। हालांकि, किसी भी यात्री को चोट नहीं आई। इस घटना की जांच DGCA द्वारा की जा रही है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन किया गया था।
यह घटना भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव की पृष्ठभूमि में हुई है। अप्रैल 2025 में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद दोनों देशों ने एक-दूसरे के लिए अपने हवाई क्षेत्र बंद कर दिए थे। भारत ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तानी विमानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया था। इस तनाव के कारण कई अंतरराष्ट्रीय एयरलाइंस, जैसे कि एयर फ्रांस, ने भी पाकिस्तान के ऊपर से उड़ान भरना बंद कर दिया है, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें लंबे मार्ग अपनाने पड़ रहे हैं।
इंडिगो के चालक दल को इस चुनौतीपूर्ण स्थिति को संभालने और सभी यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए व्यापक सराहना मिल रही है। इंडिगो ने एक बयान में कहा, “हमारे चालक दल ने स्थापित प्रोटोकॉल का पालन किया और विमान को श्रीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सुरक्षित रूप से उतारा।”
यह घटना एक बार फिर भारत-पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण संबंधों और इसके वैश्विक उड्डयन पर प्रभाव को उजागर करती है। संयुक्त राष्ट्र और कई देशों ने दोनों देशों से सैन्य टकराव से बचने की अपील की है, लेकिन स्थिति अभी भी तनावपूर्ण बनी हुई है।