केंद्र सरकार द्वारा देश भर में जाति आधारित जनगणना की घोषणा के बाद से ही बिहार में राजनीति अपने चरम पर है। बिहार में इसी साल चुनाव होने हैं। और इस मुद्दे को सभी राजनीतिक दल भुनाने की कोशिश में लगे हुए हैं। इन सब के बीच लालू यादव और उनकी पार्टी सत्ता के निशाने पर है, क्योंकि आरजेडी इसे लेकर काफी मुखर है। अब जेडीयू कोटे के केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने भी लालू यादव को आइना दिखाया है।
ललन सिंह का लालू यादव पर पलटवार
पटना में केंद्रीय मंत्री और जेडीयू नेता राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने कहा, “आरजेडी के एजेंडे में जाति जनगणना कब से है? लालू यादव की पार्टी ने यूपीए-1 सरकार का समर्थन किया था, लेकिन तब उन्होंने अपने मुंह पर टेप चिपका लिया था और एक शब्द भी नहीं बोल पा रहे थे, अगर वे गंभीर होते तो अपना समर्थन वापस ले लेते और सरकार गिर जाती।”
तेजस्वी यादव ने लिखा PM मोदी को पत्र.. EBC-OBC पर क्या कहा, कौन सी नई मांगें रखीं?
उन्होंने मनमोहन सिंह सरकार के समय हुए सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि लालू यादव ने मनमोहन सिंह को बिहार विधानसभा भंग करने की धमकी दी थी, लेकिन जातिगत गणना के लिए कभी दबाव नहीं डाला। ललन सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने जातिगत गणना की घोषणा की है, जो एक ऐतिहासिक फैसला है। उन्होंने राहुल गांधी के जातिगत गणना पर दिए बयान पर भी अपनी बात रखी।
नीतीश कुमार ने पेश किया 20 साल का रिपोर्ट कार्ड, कहा- “बिहार बदला है और आगे भी बदलेगा”
बता दें कि एनडीए जहां जाति आधारित जनगणना को नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार का विजन बता रहा है, वहीं बिहार में सभी विपक्षी दल इसे अपनी जीत बता रहे हैं। खासकर बिहार में तेजस्वी यादव ने इसे महागठबंधन और आरजेडी की जीत बताई है। जबकि एनडीए नेताओं का कहना है कि जब 2014 के पहले महागठबंधन की सरकार थी, तब जातीय जनगणना क्यों नहीं कराई। सत्ता पक्ष के लोग ये भी कह रहे हैं कि ये सिर्फ क्रेडिट लेना चाहते हैं, जबकि इनको गरीब और पिछड़ों के विकास से कोई मतलब नहीं है।