बिहार की सियासत में राजद की करारी हार के बाद हालात सामान्य होते उससे पहले ही लालू परिवार के भीतर का तनाव (Lalu Family Political Rift) खुलकर सतह पर आ गया। पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की बेटी और पिता को किडनी देकर चर्चा में आईं रोहिणी आचार्य (Rohini Acharya Political Exit) ने अचानक राजनीति से संन्यास लेने और परिवार से दूरी बनाने की घोषणा कर राजनीतिक गलियारों को झकझोर दिया। उनके इस कदम ने न केवल राजद में हलचल पैदा कर दी है, बल्कि लालू परिवार के भीतर बढ़ती खींचतान को भी पहली बार सार्वजनिक रूप से उजागर कर दिया है।
लालू परिवार में चल रहे घमासान पर केंद्रीय मंत्री और LJP(रामविलास) प्रमुख चिराग पासवान ने टिप्पणी की है. RJD प्रमुख लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य के राजनीति छोड़ने पर कहा, “मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा। हमारे राजनैतिक मतभेद जरूर हैं लेकिन मैंने हमेशा लालू प्रसाद यादव के परिवार को अपना परिवार माना है। मैं प्रार्थना करता हूं कि यह पारिवारिक विवाद जल्द से जल्द सुलझे। घर में एकता बनी रहती है तो इंसान बाहर कठिन परिस्थितियों से लड़ लेता है।
भाजपा नेता सैयद शाहनवाज़ हुसैन ने RJD प्रमुख लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य के राजनीति छोड़ने पर कहा, “… RJD ने पहले भी तेज प्रताप यादव को अपने परिवार से अलग किया था। अब रोहिणी आचार्य ने कहा कि उन्हें पार्टी से अलग कर दिया गया है। यह उनका पारिवारिक मामला है लेकिन यह काफी दुखद है।”
रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि कल एक बेटी, एक बहन , एक शादीशुदा महिला , एक मां को जलील किया गया , गंदी गालियां दी गयीं , मारने के लिए चप्पल उठाया गया , मैंने अपने आत्मसम्मान से समझौता नहीं किया, सच का समर्पण नहीं किया , सिर्फ और सिर्फ इस वजह से मुझे बेइज्जती झेलनी पडी. उन्होंने कहा कि कल एक बेटी मजबूरी में अपने रोते हुए माँ – बाप बहनों को छोड़ आयी , मुझसे मेरा मायका छुड़वाया गया.. मुझे अनाथ बना दिया गया. आप सब मेरे रास्ते कभी ना चलें , किसी घर में रोहिणी जैसी बेटी – बहन पैदा ना हो.






















