राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव ने शनिवार को दिल्ली की एक अदालत से आईआरसीटीसी (IRCTC Case ) में साल 2004 से 2014 के बीच हुई कथित अनियमितताओं से जुड़े भ्रष्टाचार के एक मामले में उन्हें बरी करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसी के पास मामले में उन पर मुकदमा चलाने के लिए सबूतों का अभाव है।
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तीनों ने स्पेशल जज विशाल गोगने के समक्ष दलीलें पेश करते हुए दावा किया कि सीबीआई का मामला चुनिंदा लोगों को आरोपी बनाने पर आधारित है और उन पर लगाए गए आरोप झूठे हैं। उन्होंने मामले में आरोप तय करने के लिए हुई बहस के दौरान सीनियर एडवोकेट मनिंदर सिंह के जरिये अपनी दलीलें पेश कीं।
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लालू, राबड़ी और तेजस्वी के खिलाफ आपराधिक साजिश रचने, धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार सहित विभिन्न अपराधों के लिए आरोप पत्र दाखिल किया गया है, जिनके लिए अधिकतम 7 साल की जेल की सजा का प्रावधान है। तीनों ने कोर्ट के समक्ष दावा किया कि सीबीआई की ओर से उनके खिलाफ लगाए गए आरोप झूठे, सेलेक्टिव नेचर के और प्रायोजित हैं। उन्होंने कहा कि सीबीआई के पास उन पर मुकदमा चलाने के लिए सबूतों का अभाव है। मामले की सुनवाई 21 अप्रैल को फिर से शुरू होगी।