उत्तर प्रदेश के इटावा में बकेवर क्षेत्र के ग्राम दादरपुर में भागवत कथा करने आए हुए भागवताचार्य मुकुट मणि यादव व उनके सहयोगी संत सिंह यादव को न सिर्फ मारा पीटा गया, बल्कि दूसरी जाति का होने के कारण गांव के लोगों ने उनके बाल मुड़वा दिए और परीक्षित बनी महिला के सामने नाक रगड़वाकर माफी मंगवायी और मूत्र छिड़का। इसके बाद उन्हें गांव से वापस कर दिया गया।
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इस अमानवीय घटना का वीडियो वायरल होने के बाद इसकी हर तरफ आलोचना हो रही है। बिहार में भी इस पर सियासी बवाल शुरू हो गया है। लालू यादव की पार्टी राजद ने आरएसएस और भाजपा को आड़े हाथों लेते हुए ऐसे कृत्यों में शामिल रहने वालों को सीधी चेतावनी दी है।
राजद ने अपने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा- ‘संविधान को नहीं मानने वाले RSS-BJP समर्थक दो कौड़ी के कुछ टुच्चे लफ़ंगे अज्ञानी एवं अन्यायी चरित्र के धूर्त लोग कथा बकना, मंत्र बाचना अपना जन्मसिद्ध अधिकार समझते है जो जन्म के आधार पर खुद को श्रेष्ठ समझते है। जो दूसरे इंसान से अधिक पवित्र अपने मूत्र को समझते है। ऐसे भीखमंगों को यह नहीं मालूम कि जिस दिन मेहनतकश बहुजन तुम्हें धर्म के नाम पर दान-दक्षिणा देना बंद कर देंगे, तुम भूखे मर जाओगे क्योंकि श्रम तुमसे होता नहीं है। ऐसे लोगों का सभी समाज मिलकर सामाजिक बहिष्कार करें। जय संविधान!’
अखिलेश यादव भी भड़के
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने मामले की निंदा करते हुए कहा कि ‘इटावा के बकेवर इलाके के दान्दरपुर गांव में भागवत कथा के दौरान कथावाचक और उनके सहायकों की जाति पूछने पर पीडीए की एक जाति बताने पर, कुछ वर्चस्ववादी और प्रभुत्ववादी लोगों ने साथ अभद्र व्यवहार करते हुए उनके बाल कटवाए, नाक रगड़वाई और इलाके की शुद्धि कराई। हमारा संविधान जातिगत भेदभाव की अनुमति नहीं देता है, ये व्यक्ति की गरिमा और प्रतिष्ठा से जीवन जीने के मौलिक अधिकार के विरुध्द किया गया अपराध है।
सभी आरोपियों की तत्काल गिरफ़्तारी हो और यथोचित धाराओं में मुक़दमा दर्ज़ किया जाए। अगर आगामी 3 दिनों में कड़ी कार्रवाई नही हुई तो हम ‘पीडीए के मान-सम्मान की रक्षा’ के एक बड़े आंदोलन का आह्वान कर देंगे। पीडीए के मान से बढ़कर कुछ नहीं!’