दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में आज फिर एक हाई-प्रोफाइल केस की सुनवाई होने जा रही है, जो बिहार की राजनीति से जुड़े एक बड़े घोटाले से जुड़ी है। यह मामला है लैंड फॉर जॉब स्कैम का, जिसमें राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के पांच सदस्य आरोपी हैं। इस मामले की पिछली सुनवाई 7 फरवरी को टल गई थी।
क्या है पूरा मामला?
यह घोटाला उस समय का है जब लालू प्रसाद यादव भारत के रेल मंत्री थे। आरोप है कि रेलवे में नौकरी के बदले जमीन ली गई। यानी, कुछ लोगों को रेलवे में नौकरी दी गई, और बदले में उन्होंने अपनी जमीन यादव परिवार या उनसे जुड़े लोगों को ट्रांसफर कर दी। इस घोटाले में लालू यादव के अलावा उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटे और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, बेटी मीसा भारती और हेमा यादव का नाम भी शामिल है।
आज की सुनवाई क्यों अहम?
कोर्ट ने इससे पहले 30 जनवरी को दो अधिकारियों पर केस चलाने की मंजूरी दी थी, जिसमें से एक नाम पूर्व आईएएस अधिकारी आरके महाजन का था। महाजन उस समय रेलवे बोर्ड में एक महत्वपूर्ण पद पर थे, जब यह कथित घोटाला हुआ। इससे पहले, 16 जनवरी की सुनवाई में अदालत ने एक रेलवे अधिकारी के खिलाफ केस चलाने से इनकार कर दिया था।
इस मामले में स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर डीपी सिंह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश होते रहे हैं, जबकि एडवोकेट मनु मिश्रा अदालत में शारीरिक रूप से उपस्थित रहते हैं। इससे साफ जाहिर होता है कि दोनों पक्ष अपनी-अपनी दलीलें मजबूती से रखने की तैयारी में हैं।
क्या होगा लालू परिवार का भविष्य?
गौरतलब है कि 7 अक्टूबर 2023 को लालू यादव समेत सभी 9 आरोपियों को कोर्ट ने जमानत दे दी थी। सभी को 1-1 लाख रुपये के निजी मुचलके पर रिहाई मिली, लेकिन कोर्ट ने उन्हें अपना पासपोर्ट सरेंडर करने का आदेश दिया। इसका मतलब यह था कि अदालत ने भले ही उन्हें अस्थायी राहत दी, लेकिन उनकी विदेश यात्रा पर रोक लगाकर यह संकेत भी दिया कि मामले की गंभीरता को हल्के में नहीं लिया जा सकता।